झंडोत्तोलन, अश्लीलता – फूहड़पन के खिलाफ सांस्कृतिक रैली और भव्य उद्घाटन के साथ हुआ तीन दिवसीय कविवर कन्हैया जन्मशती समारोह का आग़ाज़
बिहार इप्टा के पूर्व महासचिव और कवि कन्हैया के जन्म शताब्दी के अवसर पर तीन दिवसीय साहित्यिक-सांस्कृतिक समारोह की शुरूआत लोकगायिका विंध्यवासिनी देवी नगर, रामजंगल सिंह महाविद्यालय, दिघवारा में आज झंडोत्तोलन, अश्लीलता भड़ैती के खिलाफ सांस्कृतिक रैली और उद्घाटन सत्र के साथ हुआ। प्रख्यात् चिकित्सक और बिहार इप्टा के अध्यक्ष मंडल सदस्य डॉ सत्यजीत ने इप्टा का ध्वजारोहण किया। झंडोत्तोलन के साथ ही बीहट इप्टा की अगुवाई में इप्टा कर्मियों द्वारा इप्टा गीत गाया गया। पूरा परिवेश कविवर कन्हैया अमर रहें, इप्टा जिन्दाबाद और इप्टा की नायक जनता जिन्दाबाद के नारे से गूंजायामान हो उठा।
झंडोत्तोलन के बाद अश्लीलता और भंडैती के खिलाफ कवि अरुण कमल, नाटककार हृषीकेश सुलभ, कथाकार रवीन्द्र भारती, साहित्यकार रंजीत वर्मा, संतोष दीक्षित, बिहार इप्टा अध्यक्ष मंडल सदस्य समी अहमद, विनोद कुमार, सत्येन्द्र, राष्ट्रीय महासचिव तनवीर अख्तर, आयोजन समिति अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह और कन्हैया के परिजनों के नेतृत्व में इप्टा कर्मियों ने रामजंगल सिंह कालेज से नगर भ्रमण किया।
तीन दिवसीय समारोह का उद्घाटन देश के वरिष्ठ आलोचक वीरेन्द्र यादव ने किया। बतौर मुख्य अतिथि के रूप में इप्टा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष व नाटककार राकेश की गरिमामयी उपस्थिति रही। इस अवसर पर वरिष्ठ कवि अरूण कमल, नाटककार हृषीकेष सुलभ, कवि रवीन्द्र भारती, कवि रंजीत वर्मा, ऊर्दु के प्रख्यात शायर कासिम खुर्शीद, इप्टा के राष्ट्रीय महासचिव तनवीर अख़्तर, प्रो लालबाबू यादव, इन्दु प्रभा, प्रमेन्द्र नारायण सिंह उपस्थिति रहे। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता बिहार इप्टा के अध्यक्ष समी अहमद, डाॅ सत्यजीत और ताप्ती वर्मा ने किया।
इसके कवर इप्टा आन्दोलन पर केन्द्रित पोस्टर प्रदर्शनी का उद्घाटन कवि-नाटककार रवीन्द्र भारती ने किया। इस सत्र में छपरा इप्टा के कलाकारों ने कविवर कन्हैया के गीत “फिर नये संघर्ष का मौका मिला है”। सुतिहार इप्टा द्वारा कविवर कन्हैया के गीत की प्रस्तुति की गयी।