बिहार के विभिन्न जिलों में राष्ट्रीय पोषण माह 2024 के तहत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर पोषण जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। प्रति दिन कार्यक्रम आयोजित कर शिशुओं, किशोरियों और महिलाओं के स्वास्थ को लेकर विभिन्न तरह की गतिविधियां चलाई जा रही है। इसी क्रम में शनिवार को जमुई जिला पोषण जागरूकता अभियान चलाया गया। जहाँ लोगों को बताया गया कि पोषित बचपन एक स्वस्थ एवं समृद्ध राष्ट्र की नींव है। भारतीय आहार परम्परा सदियों से अपने आप में पोषण का खजाना समेटे हुए है।
पोषण माह 2024 के पोषाहार प्रदर्शनी में “मेरी थाली पोषण वाली” के थीम के साथ आंगनवाड़ी केंद्र ढोंढरी, परियोजना सोनो जिला जमुई की सेविका अर्चना सहाय द्वारा परंपरागत भोजन, मोटे अनाज से बने व्यंजन, रंग बिरंगे फल साग सब्जियों से पोषण थाली सजा कर पोषक क्षेत्र के बच्चों किशोरी महिलाओं को संतुलित आहार के मानक, विभिन्न पोषक तत्व के श्रोतों, भोजन बनाने के सही तरीके, जिससे खाना गुणवत्तापूर्ण बना रहे और उसके पोषक तत्व नष्ट नहीं हो, खाना बनाने, खाने खिलाने के समय स्वच्छता का महत्व, अपनी क्यारी अपनी थाली, अनीमिया से रोकथाम में मददगार खाद्य पदार्थ, एलबेंडाजोल दवा सेवन की आवश्यकता के बारे में विस्तार पूर्वक अन्नप्रासन गोदभराई माताओं किशोरियों की बैठक गृह भेट के दौरान बताया जाता है जिससे कुपोषण से लड़ाई में हर लाभुक जागरुक होकर सेविका का साथ दे रहा है, आज केंद्र पर उपस्थित कई दादी और माताओं ने बाल विकास परियोजना पदाधिकारी व महिला पर्यवेक्षिका को बताया कि आज पोषण थाली तैयार करने में सेविका के साथ साथ वे भी अपने घरों से एक एक व्यंजन बनाकर लाए हैं, यह सामुदायिक सहभागिता और पोषण के प्रति जागरूक होते आम लोगों का एक प्रेरणादायक उद्धरण प्रस्तुत करता है।
पोषण जागरूकता अभियान से जुड़े अधिकारियों/विशेषज्ञों ने बताया कि हमारे यहां फसलों, मौसमों, पर्व त्योहारों के अनुसार अलग अलग भोज्याहार का प्रचालन है पर सभी का मुख्य उद्देशय पोषण ही रहा है। हमारी नित्य प्रतिदिन की थाली संतुलित आहार का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है जिसमें कार्बोहाइड्रेट प्रोटीन फाइबर फैट विटामिंस और मिनीरल्स का समन्वय रहता है।