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मत्स्य पालन के क्षेत्र में ड्रोन तकनीक के उपयोग एवं प्रत्यक्षण कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर CM ने किया उद्घाटन

मुख्यमंत्री ने सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र स्थित ज्ञान भवन में मत्स्य पालन के क्षेत्र में ड्रोन तकनीक के उपयोग एवं प्रत्यक्षण कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहले मैं मत्स्य पालन के क्षेत्र में ड्रोन तकनीक के उपयोग एवं प्रत्यक्षण कार्यक्रम का जो आज शुभारंभ किया गया है उसके लिए केंद्र सरकार और यहां उपस्थित केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को बधाई देता हूं। वर्ष 2005 से पहले बिहार में विकास कार्यों की क्या स्थिति थी सभी को पता है। वर्ष 2005 से पहले मछली उत्पादन बहुत कम था। दूसरे राज्यों से यहां मछलियां मंगाई जाती थी। 24 नवंबर, 2005 को जब हमलोग सरकार में आए तो राज्य के विकास के लिए नीति और कार्यक्रम बनाए गए। कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन सहित सभी क्षेत्रों का विकास किया गया। लोगों की सुविधाओं के लिए कई कदम उठाए गए। साथ ही महिलाओं की तरक्की के लिए कई कार्य किए गए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2008 से वर्ष 2012 के लिए प्रथम कृषि रोड मैप बनाया गया। वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के लिए दूसरा कृषि रोड मैप बनाया गया जिसका शुभारंभ तत्कालीन राष्ट्रपति श्रद्धेय प्रणव मुखर्जी ने किया था। वर्ष 2017 से वर्ष 2023 के लिए तीसरा कृषि रोड मैप बनाया गया जिसका शुभारंभ तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया था। वर्ष 2024 से चौथा कृषि रोड मैप लागू किया गया है जिसका शुभारंभ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया। कृषि रोड मैप के लागू होने से सब्जी, दूध, अंडा, मीट, फल सहित अन्य फसलों का उत्पादन बढ़ा है। चौथे कृषि रोड मैप के लिए एक लाख 62 हजार करोड़ रुपये की राशि की स्वीकृति दी गई। उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में मछली का उत्पादन 2 लाख 88 हजार मीट्रिक टन था जो अब बढ़कर 8 लाख 73 हजार मीट्रिक टन हो गया है। मछली उत्पादन में बिहार आत्मनिर्भर हो गया है। पहले दूसरे राज्य की मछलियां बिहार में मंगाई जाती थीं और अब बिहार की मछलियां दूसरे राज्यों में भेजी जाती हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बिहार के विकास के लिए कई कार्य किए जा रहे हैं इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देता हूं। केंद्र सरकार द्वारा राज्य में मत्स्य पालन के विकास के लिए सहायता दी गई है। राज्य सरकार मत्स्य पालन के विकास के लिए भी कई कदम उठा रही है। राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार द्वारा मत्स्य पालन के क्षेत्र में विकास के लिए उठाए गए कदमों से मत्स्य पालकों को काफी लाभ हो रहा है। मत्स्य पालन के क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों का मैं आभार व्यक्त करता हूं कि वे अपने कार्य से अपनी तरक्की के साथ-साथ राज्य की तरक्की में भी योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम शुरू से ही एन डी ए में थे और एन डी ए में ही रहेंगे। बीच में हम दो बार उनलोगों के साथ चले गए थे, ये हमारी गलती थी अब कभी इधर-उधर नहीं जाएंगे। भाजपा के साथ हमारी पार्टी का शुरू से ही संबंध रहा है। हमलोग मिलकर राज्य और देश का विकास करते रहेंगे। इस कार्यक्रम में मुझे शामिल होने का मौका मिला है इसके लिए मैं आपलोगों का आभार व्यक्त करता हूं और आप सभी को बधाई देता हूं। कार्यक्रम को केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने भी संबोधित किया।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की लाभार्थी अंजू देवी, ऊषा देवी, मीरा देवी,  रीता रानी एवं निशांत कुमार को अनुदान राशि का डमी चेक प्रदान किया। साथ ही प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 15 मत्स्य पालकों को 0.50 लाख मत्स्य बीज वितरित किया गया जिसमें सांकेतिक रूप से संजीव कुमार, सुरेंद्र प्रसाद एवं ललिता देवी को मुख्यमंत्री ने मत्स्य बीज प्रदान किया तथा 19 मत्स्य पालकों के बीच 7 टन मत्स्य आहार वितरित किया गया जिसमें सांकेतिक रूप से धर्मराज सहनी और रेखा देवी को मुख्यमंत्री ने मत्स्य आहार प्रदान किया।

कार्यक्रम की शुरुआत में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव डॉ  एन विजयालक्ष्मी ने मुख्यमंत्री को अंगवस्त्र एवं प्रतीक चिह्न भेंटकर स्वागत किया। कार्यक्रम की शुरुआत के पूर्व लगाई गई ड्रोन की प्रदर्शनी का अवलोकन किया और मत्स्य पालन के क्षेत्र में ड्रोन के उपयोग के संबंध में जानकारी दी।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री रेणु देवी, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा कल्याण मंत्री हरी सहनी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ एस सिद्धार्थ, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव डॉ एन विजयालक्ष्मी, मुख्यमंत्री के विशेष कार्यपदाधिकारी गोपाल सिंह, भारत सरकार में संयुक्त सचिव, (समुद्री मात्स्यिकी) नीतू कुमारी प्रसाद, पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के उपकुलपति डॉ दुनियाराम सिंह, राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड, हैदराबाद के मुख्य कार्यपालक डॉ विजय कुमार बेहरा, निदेशक, मत्स्य पालन, बिहार सरकार नवदीप शुक्ला, पशु एवं मत्स्य पालन से जुड़े हुए केंद्र एवं राज्य सरकार के अधिकारीगण, मत्स्यपालक एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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