कांग्रेस ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पतन की शुरुआत इस चुनाव से हो गई है, लेकिन ताजुब की बात है कि भाजपा इस संकेत को नहीं समझ रही है और दस साल तक एकच्छत्र सत्ता से हाशिए पर जाने से भी उसने सबक नहीं सीखा है, लेकिन यह बड़ी बात है कि उसकी तानाशाही में बदलाव दिख रहा है और इसमें अभी और बदलाव आएंगे।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने सोमवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 2014 तथा 2019 के चुनाव में कांग्रेस को भारी हार मिली थी, लेकिन जिस पार्टी से 2024 में लोगों ने सत्ता छीनना शुरु कर दिया है उसे अब संसद में जवाब देना पड़ रहा है। सदन में बहुत कम आने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आज खुद विपक्ष के नेता के भाषण के दौरान दो बार खड़ा उठना पड़ा, यह बहुत बड़ा बदलाव है और भाजपा को इस बदलाव के लिए मजबूर किया गया है।
उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा बदलाव का सबूत तो यह है कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के भाषण के दौरान खुद प्रधानमंत्री मोदी को दो बार खड़ा होना पड़ा। इससे भी बड़ा संकेत यह है कि मोदी लोकसभा में मौजूद रहे। इससे लगता है बदलाव शुरु हो गया है, लेकिन अभी बहुत कुछ बदलने वाला है।
प्रवक्ता ने कहा कि जिस माटी को महान संतों ने सींचा है उस माटी को बौने लोग परिभाषित करें यह नहीं होने दिया जाएगा। सरकार ने धर्म की आड ली और छिपने का प्रयास किया, लेकिन छिप नहीं पाए। लोकतंत्र में तानाशाही नहीं चलती, यह संदेश इस चुनाव का है और धर्म का कारोबार अब चलने नहीं देंगे। यह तय हो गया है कि अब भाजपा को धर्म की आड़ में छिपने का मौका नहीं है क्योंकि दो तिहाई हिंदुओं ने इस चुनाव में भाजपा के खिलाफ वोट दिया है जबकि यह पार्टी हिन्दू धर्म के सहारे चलती है। भाजपा हिन्दू धर्म के विशाल विचार को छोटा करने का प्रयास कर रही है और इसे गांधी ने आज संसद में रोक दिया है और अब आगे यह चलने वाला नहीं है।
उन्होंने मोदी सरकार से कहा, “मुद्दों से आपको नहीं भागने देंगे यह तय है। आपने धर्म का सहारा लिया, लेकिन अयोध्या के लोगों ने ही भाजपा को इसका जवाब दे दिया। वाराणसी में आधा जवाब मिला है और अगली बार पूरा जवाब वहां से भी मिल जाएगा।”
खेड़ा ने सरकार से कहा, “जवाब दीजिए सात साल में 70 पेपरलीक क्यों हुए, अग्निवीर को पेंशन क्यों नहीं मिलती हैं, मेडिकल प्रवेश परीक्षा-नीट पर जवाब क्यों नहीं दिया जा रहा है। देश की जनता ने चेहरे को इस चुनाव में बेनकाब कर दिया है। अयोध्या में हारे तो 10 दिन तक अयोध्या के लोगों को गालियां मिलती रही। यहां तक कहा गया कि अयोध्या में कुछ खरीदो ही नहीं ताकि वहां की अर्थव्यवस्था बिगड़ जाए।”