बिहार के गया में पितृपक्ष मेला में अक्सर लोग तो अपने पितरों को पिंड दान करने पहुंचते हैं लेकिन 193 लोगों के एक ऐसा समूह गया पहुंचा है जिसने लावारिश शवों को पिंडदान किया। यह समूह अलीगढ के मानव उपकार संस्था से गया पहुंची है। 198 लावारिस शवों की अस्थियां सुल्तानगंज गंगा घाट में विसर्जित की और फिर गया पहुंच कर 193 लोगों को पिंडदान किया। इस समूह में 98 महिलाऐं भी शामिल हैं। संस्था के फाउंडर विष्णु कुमार बंटी ने बताया कि मानव उपकार एक संस्था है जो पिछले 25 वर्षों से काम कर रहा है। अलीगढ़ में लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करते हैं और फिर उसकी अस्थियां गंगा में प्रवाहित करते हैं और फिर उनका पिंडदान भी करते हैं। उन्होंने बताया कि 6000 लोगों का अंतिम संस्कार और पिंडदान किया है।
उन्होंने बताया कि अब तक चार धामों में से तीन धाम द्वारिका, रामेश्वरम और जगन्नाथ जी में और 12 ज्योतिर्लिंगों में से 9 ज्योतिर्लिंग में जा कर उन्होंने अस्थि विसर्जन और पिंडदान किया है। हर वर्ष पितृपक्ष में उनकी अस्थियों को गंगा में विसर्जित कर पिंडदान करते हैं। इस बार उन लोगों ने सुल्तानगंज में 198 लावारिस शवों का अस्थि विसर्जन किया और उसके बाद फिर गया में पहुंच कर सभी लोगों को पिंड दान भी किया।