गया जिले के आमस पुलिस स्टेशन के थानाध्यक्ष का दिमाग इन दिनों सातवें आसमान पर है। उनके दिलों दिमाग के ऊपर खाकी वर्दी की गर्मी इस कदर हावी है कि वे पीड़ित को हर तरह की गालियों से नवाजने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं। गाली देने का आलम यह है कि वे पूर्व मंत्री मुकेश सहनी को भी गाली देने से भी तनिक भी बाज नहीं आते हैं। मुकेश सहनी पूर्व मंत्री है, कोई मंत्री नहीं है। और जो भी क्या कर लेगा? तुम्हें पता नहीं है यहां मुख्यमंत्री का रिश्तेदार बैठा है। यह शब्द है गया के एक थानाध्यक्ष का। थानाध्यक्ष यहीं नहीं रुके बल्कि उन्होंने अपने सामने खड़े एक व्यक्ति को भद्दी भद्दी गलियां भी दी। पूरा मामला है गया के आमस थाना की जहां एक मामले में जानकारी लेने पहुंचे एक व्यक्ति को थानाध्यक्ष ने गाली गलौज कर भगा दिया।
मामले में एक ऑडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें गाली देने वाला व्यक्ति आमस थानाध्यक्ष बताये जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि पूरा मामला शुक्रवार की है जब वीआईपी पार्टी का एक प्रखंड अध्यक्ष आमस थाना में एक मामले की जानकारी लेने पहुंचे थे। आरोप है कि थानाध्यक्ष ने उन्हें देखते ही गाली गलौज करना शुरू कर दिया। मामले में वीआईपी प्रखंड अध्यक्ष ने बताया कि बीते 14 सितंबर को उनकी बाइक शेरघाटी कोर्ट से चोरी हो गई थी। मामले में उन्होंने आमस थाना में एफआईआर दर्ज करवाया था।
दो दिन बाद वह फिर से पुलिस की तरफ से की जा रही कार्रवाई की जानकारी लेनी चाही तो पुलिस की तरफ से उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई। इसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी के युवा प्रदेश अध्यक्ष से आमस थानाध्यक्ष को फोन करवाया बस फिर क्या था। इस दौरान थानाध्यक्ष से उनकी कहासुनी हो गई थी। फिर शुक्रवार को प्रखंड अध्यक्ष थाना में मामले की जानकारी लेने पहुंचे, उन्हें देखते ही थानाध्यक्ष का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया और वे करने लगे गाली गलौज।
मामले को लेकर आमस थानाध्यक्ष इंद्रजीत कुमार से जब फोन पर बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने सवाल किया कि आप कैसे कह सकते हैं कि हमने ही गाली दिया है। उनके ऊपर आरोप लगाए जाने की बात कहने पर उन्होंने फिर एक सवाल किया कि तो अब आप क्या करेंगे लेकिन मामले में कुछ भी कहने से मना कर दिया। वहीं एसएसपी भारती ने कहा कि मामले की जानकारी मिली है, संबंधित एसडीपीओ को जांच के लिए निर्देश दिया है। जबकि वीआईपी के जिलाध्यक्ष राज सहनी ने बताया कि देर शाम एसडीपीओ ने फोन कर बुलाया और फिर मामले की जानकारी के साथ ही रिकॉर्डिंग भी ली है। साथ ही उन्होंने मामले में लिखित आवेदन लिया है।
थानाध्यक्ष ने गाली गलौज करते हुए पूर्व मंत्री मुकेश सहनी को लेकर भी अपशब्द का प्रयोग किया और कहा कि तुम पैरवी करवाता है, पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के पीए से कॉल करवाता है। यहां हम क्या चौकीदार बैठे हैं, वह बोलता है कि वीडियो फुटेज दीजिए, वह हमें अनुसंधान करना सिखाएगा। वह मेरा डीएसपी या एसपी है कि हम उसे जनकारी दें? मुकेश सहनी कोई मंत्री नहीं है, पूर्व मंत्री है लेकिन तुम्हे पता नहीं है क्या कि यहां मुख्यमंत्री का रिश्तेदार बैठा है? इसके साथ ही थानाध्यक्ष ने उन्हें लगातार कई गालियां दी और थाना से भगा दिया।