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पश्चिमी पाकिस्तान शरर्णार्थी संघ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सरकार को उन्हें भारत की नागरिकता प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया, जिससे उन्हें 7 दशकों से वंचित रखा गया

पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थी (डब्ल्यूपीआर) संघ के अध्यक्ष लाभा राम गांधी ने नई दिल्ली में केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात की। इस बैठक के दौरान उन्होंने पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों को भारत की नागरिकता प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सरकार को धन्यवाद दिया, जिससे उन्हें 7 दशकों से वंचित रखा गया था।

पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थी (डब्ल्यूपीआर) संघ के अध्यक्ष लाभा राम गांधी ने नई दिल्ली में केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात की। इस बैठक के दौरान उन्होंने पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों को भारत की नागरिकता प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सरकार को धन्यवाद दिया, जिससे उन्हें 7 दशकों से वंचित रखा गया था।

इन शरणार्थियों ने केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग में राज्य मंत्री तथा कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात कर अपनी कठिनाई और विस्थापन के समय में उनके निरंतर सहयोग व सहायता के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार के प्रति हार्दिक आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि हमारे प्रति दिखाया गया दयालुता का भाव और उदारता से हम बहुत लाभान्वित हुए हैं, जिससे हमारी भलाई तथा भारतीय समाज में हमारा एकीकरण सुनिश्चित हुआ है।

पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थी संघ के सदस्यों ने 7 दशकों से उनके साथ हुए अन्याय का स्मरण करते हुए पिछली सरकारों पर उनके मुद्दों और समस्याओं पर ध्यान न देने का आरोप लगाया। उन्होंने इस बात पर भी अपना दुःख व्यक्त किया कि उन्हें राजनीतिक लाभ के लिए वोट देने के अधिकार और वैध नागरिकता देने से वंचित किया गया। पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थी (डब्ल्यूपीआर) वे लोग हैं, जो वर्ष 1947 में देश विभाजन के बाद पश्चिमी पाकिस्तान के कई इलाकों से पलायन कर भारतीय सीमा में आ गए तथा तत्कालीन जम्मू और कश्मीर राज्य में बस गए। जिनमें मुख्य रूप से जम्मू संभाग के जम्मू, कठुआ और राजौरी जिले शामिल हैं। 1947 में पाकिस्तान द्वारा किए गए हमले के बाद लगभग 5764 परिवार जम्मू पहुंच गए थे।

इन शरणार्थियों ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को एक ऐतिहासिक कदम बताया, जिससे जम्मू-कश्मीर में अनसुनी की जाने वाली अनेक आवाजों को अब सुना गया है और उन्हें न्याय प्रदान लिया गया है। शरणार्थियों ने उधमपुर लोकसभा क्षेत्र का लगातार तीसरी बार प्रतिनिधित्व कर मंत्री बनने वाले अपने नेता के साथ कई बातों को साझा किया। उन्होंने जानकारी दी है कि वे शरणार्थी अनुच्छेद 370 को निरस्त होने के 5 साल पूरे होने के अवसर पर 5 अगस्त की पूर्व संध्या में एक भव्य उत्सव का आयोजन करेंगे, जिसके कारण वे सभी लंबे समय तक भारतीय नागरिकता तथा मतदान करने के अधिकार से वंचित रहे थे।

इस अवसर पर संघ के सदस्यों ने केंद्रीय मंत्री से मुआवजे में तेजी लाने तथा अन्य शिकायतों के निवारण में सहायता करने का अनुरोध किया। इस पर डॉ. सिंह ने त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए, उन्हें शीघ्र कार्रवाई करने तथा शिकायतों के समयबद्ध निवारण का आश्वासन दिया।

पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थी संघ ने डॉ. जितेंद्र सिंह को उनके सक्रिय प्रयासों के लिए व्यक्तिगत रूप से धन्यवाद दिया, जिससे न केवल उन सभी की पीड़ा काफी हद तक कम हुई है, बल्कि उनके लिए एक उज्जवल भविष्य हेतु आशा की किरण भी जागृत हुई है। शरणार्थियों ने आश्वासन देते हुए कहा कि हम अपनी गोद ली हुई मातृभूमि के लिए सकारात्मक योगदान देने और इसकी प्रगति व समृद्धि के उद्देश्य से हरसंभव प्रयास करने का संकल्प लेते हैं। उन्होंने कहा कि हमें खुले दिल से स्वीकार करने और नए सिरे से नई शुरुआत करने का अवसर प्रदान करने के लिए भी हम भारत सरकार का आभार प्रकट करते हैं। PIB

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