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केंद्रीय वित्त मंत्री ने बिहार के मधुबनी में ऋण आउटरीच कार्यक्रम की अध्यक्षता की, 50,294 लाभार्थियों को 1,121 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए

केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार के मधुबनी में क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रम की। अध्यक्षता की बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी सहित सांसदों और विधायकों ने कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम में सीतारमण ने 50,294 लाभार्थियों को 1,121 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए। विभिन्न ग्रामीण सड़क परियोजनाओं के लिए नाबार्ड और सिडबी ने क्रमशः 155.84 करोड़ रुपये और 75.52 लाख रुपये से अधिक की मंजूरी की घोषणा की। केंद्रीय वित्त मंत्री ने विशिष्ट नागरिकों को मैथिली और संस्कृत में संविधान की पांच-पांच प्रतियां वितरित कीं।

केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज बिहार के मधुबनी में ऋण आउटरीच कार्यक्रम की अध्यक्षता की। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी भी इसमें उपस्थित थे। कार्यक्रम में सांसद रामप्रीत मंडल, संजय कुमार झा, डॉ अशोक कुमार यादव, तथा विधायक विनोद नारायण झा, सुधांशु शेखर, तथा घनश्याम ठाकुर भी मौजूद थे। वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव एम नागराजू, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक- नाबार्ड के अध्यक्ष केवी शैजी, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंधक निदेशक एम वी राव, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक -सिडबी के अध्यक्ष सह-प्रबंध निदेशक मनोज मित्तल, वित्तीय सेवा विभाग के अपर सचिव एमपी तंगिराला और स्टेट बैक ऑफ इंडिया के उप-प्रबंध निदेशक सुरिंदर राणा ने भी ऋण आउटरीच कार्यक्रम में भाग लिया।

सम्राट चौधरी ने ऋण आउटरीच कार्यक्रम हेतु मधुबनी आने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में क्षेत्र के आर्थिक विकास के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री की देखरेख में किए जा रहे प्रयासों का विशेष उल्लेख किया। सीतारमण ने इस अवसर पर विभिन्न बैंकों द्वारा 50,294 लाभार्थियों को 1,121 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए। क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रम के दौरान 70 वर्ष और अधिक आयु के कुछ वरिष्ठ नागरिकों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) कार्ड भी प्रदान किए गए। नाबार्ड और सिडबी ने विभिन्न ग्रामीण सड़क परियोजनाओं के लिए क्रमशः 155.84 करोड़ रुपये और 75.52 लाख रुपये से अधिक की मंजूरी की घोषणा की।

सीतारमण ने विशिष्ट व्यक्तियों के साथ लगभग 25 स्टालों का दौरा किया जहां बैंकों और नाबार्ड द्वारा वित्तपोषित उद्यमियों के विभिन्न स्थानीय उत्पाद और हस्तशिल्प प्रदर्शित किए गए थे। इस अवसर पर कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के विभिन्न गतिविधियों की घोषणा की गई। बैंकों ने कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व के तहत स्कूलों खास तौर पर बालिका विद्यालयों में आधारभूत ढ़ांचा बेहतर बनाने की सहायता को मंजूरी दी। केंद्रीय वित्त मंत्री ने एक एम्बुलेंस को हरी झंडी दिखाई। भारतीय स्टेट बैंक के उप प्रबंध निदेशक (डीएमडी) एम नागराजू ने जिले में वित्तीय समावेशन पहल के तहत बैंकों द्वारा किए गए प्रयासों से वित्त मंत्री को अवगत कराया।

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