HomeBiharChapraयोग्य छूटे नहीं, अयोग्य जुटे नहीं: बीएलओ प्रशिक्षण में गूंजा मूल मंत्र

योग्य छूटे नहीं, अयोग्य जुटे नहीं: बीएलओ प्रशिक्षण में गूंजा मूल मंत्र

भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के लिए बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं, जो सीधे मतदाताओं और आम नागरिकों से जुड़ते हैं। यह बात आयोग द्वारा प्रतिनियुक्त प्रशिक्षण प्रेक्षक श्रीमती गीता चौबे ने प्रमंडलीय बीएलओ और निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों के लिए आयोजित प्रशिक्षण में कही। उन्होंने जोर देकर कहा कि बीएलओ न केवल अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, बल्कि वे सीधे तौर पर ईसीआई का प्रतिनिधित्व करते हैं।

छपरा 9 मई 2025: भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के लिए बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं, जो सीधे मतदाताओं और आम नागरिकों से जुड़ते हैं। यह बात आयोग द्वारा प्रतिनियुक्त प्रशिक्षण प्रेक्षक श्रीमती गीता चौबे ने प्रमंडलीय बीएलओ और निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों के लिए आयोजित प्रशिक्षण में कही। उन्होंने जोर देकर कहा कि बीएलओ न केवल अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, बल्कि वे सीधे तौर पर ईसीआई का प्रतिनिधित्व करते हैं। श्रीमती चौबे ने बीएलओ की नियुक्ति को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 13 (ख) के तहत बताते हुए इस पद की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि “हमारा मूल मंत्र है कि योग्य छूटे नहीं, अयोग्य जुटे नहीं।”
प्रशिक्षण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, निर्वाचक निबंधन के प्रेक्षक सह प्रमंडलीय आयुक्त गोपाल मीणा ने लोकतंत्र को जीवंत रखने में बीएलओ के योगदान को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने अब्राहम लिंकन के कथन का उल्लेख करते हुए तैयारी के महत्व पर जोर दिया और बीएलओ से नियमों में होने वाले बदलावों से हमेशा अपडेट रहने का आग्रह किया।

जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिला पदाधिकारी अमन समीर ने स्वच्छ निर्वाचन के लिए स्वच्छ मतदाता सूची की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि निर्वाचन आयोग इस विषय पर गंभीर है और इसी क्रम में पहली बार बीएलओ और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को दिल्ली में प्रशिक्षित किया गया है। उन्होंने आगामी चुनावों में बीएलओ की बढ़ती जवाबदेही और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों (बीएलए) के साथ समन्वय स्थापित करने के महत्व पर जोर दिया। श्री समीर ने आगामी चुनाव को त्रुटि रहित बनाने और मतदाता सूची की शुद्धता को प्राथमिकता देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यदि माह में पांच-छह दिन गंभीरता से काम किया जाए तो मतदाता सूची को शुद्ध किया जा सकता है।

उपमुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनिल राय ने बीएलओ का मनोबल बढ़ाया और प्रशिक्षण में सीखी गई बातों को अन्य बीएलओ के साथ साझा करने का आग्रह किया। उप निर्वाचन पदाधिकारी श्री जावेद एकबाल ने अतिथियों का स्वागत किया और प्रशिक्षण के उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण की लाइव स्ट्रीमिंग की जा रही है और निर्वाचन आयोग स्वयं इसकी निगरानी कर रहा है। उन्होंने प्रतिभागियों से पूरी तन्मयता से प्रशिक्षण लेने और सत्र समापन के बाद आयोजित होने वाली ऑनलाइन परीक्षा के लिए तैयार रहने का आग्रह किया, जिसके आधार पर बीएलओ को ग्रेडिंग दी जाएगी।
प्रशिक्षण के दौरान बीएलओ की नियुक्ति, अधिकार और कर्तव्य, विभिन्न नियम, कानून और प्रावधान, मतदाता बनने की अहर्ता, सामान्य जिम्मेदारियां, दंड का प्रावधान, आचार व्यवहार और विभिन्न प्रकार के फॉर्म भरने के तरीकों पर विस्तृत जानकारी दी गई। प्रतिभागियों ने समूह गतिविधियों और रोल प्ले सत्रों में सक्रिय रूप से भाग लिया, जिसमें उन्होंने मतदाता सूची में नाम जोड़ने, सुधार, विलोपन और स्थानांतरण जैसी प्रक्रियाओं का जीवंत प्रदर्शन किया। ईवीएम के हैंड्स-ऑन सत्र का भी आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर की गई। डीएम श्री समीर ने एक बीएलओ को प्रतिनिधि के रूप में आमंत्रित कर उद्घाटन में शामिल किया। अंत में ऑनलाइन परीक्षा के माध्यम से प्रतिभागियों की योग्यता का मूल्यांकन किया गया। यह प्रमंडल स्तरीय बीएलओ प्रशिक्षण आगामी चुनावों को निष्पक्ष और त्रुटि रहित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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