पटना, 7 जून 2025 — बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग ने आज घोषणा की है कि उत्तर बिहार के गोपालगंज, सिवान और सारण जिलों में किसानों को सिंचाई का बड़ा लाभ पहुंचाने वाली महत्वाकांक्षी पश्चिमी गंडक नहर प्रणाली के पुनरुद्धार एवं नहर की लाइनिंग की योजना (ई.आर.एम योजना) का कार्य तेजी से प्रगति पर है। यह योजना इन जिलों के कृषि परिदृश्य को बदलने की क्षमता रखती है।
वर्ष 2014 में स्वीकृत इस योजना का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र में सिंचाई क्षमता का व्यापक विस्तार करना है। इसके तहत 1 लाख 58 हजार हेक्टेयर में नई सिंचाई क्षमता का सृजन किया जाना है, वहीं 1 लाख 47 हजार हेक्टेयर की पूर्ववर्ती क्षमता का पुनरुद्धार भी किया जा रहा है।
कुल ₹2061 करोड़ 82 लाख 88 हजार की लागत वाली इस वृहद परियोजना में नहरों की सफाई, पुरानी और क्षतिग्रस्त संरचनाओं का पुनर्निर्माण, नई संरचनाओं का निर्माण और नहरों की लाइनिंग जैसे महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं। योजना को सुचारू रूप से क्रियान्वित करने के लिए इसे 9 समूहों में विभाजित किया गया है। वर्तमान में, 8 समूहों में कार्य जोरों पर है और इनमें से कई कार्य निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूरे किए जा रहे हैं।
जल संसाधन विभाग के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, अब तक 99 हजार 300 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई क्षमता का सफलतापूर्वक पुनरुद्धार किया जा चुका है, जबकि 74 हजार 900 हेक्टेयर भूमि के लिए नई सिंचाई क्षमता का सृजन भी पूरा हो गया है। यह प्रगति किसानों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगी, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां सिंचाई की सुविधाएँ सीमित हैं।
योजना के पूर्ण होने पर गोपालगंज, सिवान और सारण जिलों के किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। गोपालगंज जिले के कुचायकोट, पंचदेवरी, कटैया, भोरे, विजयीपुर, फुलवरिया, गोपालगंज, हथुआ, बैकुंठपुर, उचकागाँव, मांझा, बरौली, और सिधवलिया प्रखंड इस परियोजना से सबसे अधिक लाभान्वित होंगे। सिवान जिले में नौतन, लकड़ी नबीगंज, जिरादेई, सिवान, हुसैनगंज, पचरुखी, हसनपुरा, दरौधा, सिसवन, बरहरिया, महाराजगंज, गोरेयाकोठी, बसंतपुर, भगवानपुर, गैरवा, आंदर, गुठनी और दरौली प्रखंडों के किसानों को सिंचाई का लाभ मिलेगा। वहीं, सारण जिले के मशरक, पानापुर, तरैया, मढ़ौरा, अमनौर, मकेर, परसा, दरियापुर, एकमा, मांझी, लहलादपुर, बनियापुर, जलालपुर, गरखा, छपरा, नगरा और इसुआपुर आदि प्रखंडों के किसान भी इस योजना से सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे, जिससे उनकी कृषि उपज में उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है।
यह परियोजना इन तीनों जिलों में कृषि उत्पादकता बढ़ाने, किसानों की आय में वृद्धि करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में मील का पत्थर साबित होगी।