पटना, 30 जुलाई 2025: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज जहानाबाद जिले के मखदुमपुर प्रखंड के बाराबर (वाणावर) क्षेत्र का दौरा कर चल रहे विकास कार्यों का जायजा लिया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने वाणावर श्रावणी मेला में उमड़े श्रद्धालुओं का अभिवादन भी किया।
मुख्यमंत्री ने वाणावर पहाड़ स्थित बाबा सिद्धेश्वरनाथ महादेव मंदिर में श्रावण मास के दौरान बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखने को कहा। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि जलाभिषेक करने में श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसका विशेष ख्याल रखा जाए। मौके पर उपस्थित लोगों ने मुख्यमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया और अपनी समस्याएँ रखीं, जिस पर मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को तत्काल समाधान के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने वाणावर गुफाओं को भारत की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत का महत्वपूर्ण प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि इन गुफाओं का विकास अत्यंत आवश्यक है ताकि यह ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से संरक्षित रहे और पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सके।
वाणावर गुफाओं का ऐतिहासिक महत्व और विकास योजना
बाराबर (वाणावर) गुफाएँ जहानाबाद जिले में स्थित हैं और इन्हें भारतीय उपमहाद्वीप की सबसे प्राचीन चट्टानों को काटकर बनाई गई गुफाओं में से एक माना जाता है। इनका निर्माण मौर्य सम्राट अशोक (273-232 ईसा पूर्व) और उनके उत्तराधिकारी दशरथ के शासनकाल में तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में हुआ था। ये गुफाएँ विशेष रूप से उस समय के एक प्रभावशाली धार्मिक संप्रदाय आजीवक संप्रदाय के साधुओं के लिए बनाई गई थीं।
बाराबर पहाड़ी में कुल चार मुख्य गुफाएँ हैं:
* कर्णचौपर गुफा
* लोमस ऋषि गुफा
* सुदामा गुफा
* विश्वज्योति गुफा
इनमें से सुदामा और लोमस ऋषि गुफाएँ वास्तुकला की दृष्टि से विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। लोमस ऋषि गुफा का द्वार स्तूप और चैत्य शैली में बना है, जिसने बाद में बौद्ध वास्तुकला की नींव रखी। इन गुफाओं की सबसे अनूठी विशेषता इनका चिकना और अत्यंत परिष्कृत पॉलिश किया हुआ आंतरिक भाग है। यह मौर्यकालीन पत्थर की पॉलिशिंग तकनीक का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करता है। इस तकनीक के कारण गुफाओं के भीतर की दीवारें आईने की तरह चमकती हैं और ध्वनि गूँजती है, जिससे यह स्थान साधना के लिए उपयुक्त बन जाता था।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्ष 2025 में अपनी ‘प्रगति यात्रा’ के दौरान बाराबर गुफाओं और उसके आसपास के क्षेत्र के समग्र विकास की घोषणा की थी। इसके लिए 50 करोड़ रुपये की विकास योजना स्वीकृत की गई है। इस योजना के अंतर्गत सीढ़ियों का निर्माण, पर्यटक सुविधाओं का विकास, और एक लघु संग्रहालय का पुनर्निर्माण व नवीनीकरण शामिल है।
बाराबर गुफाएँ न केवल भारत की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत को उजागर करती हैं, बल्कि मौर्यकालीन स्थापत्य कौशल का भी प्रमाण हैं। यह स्थल इतिहास, कला, धर्म और वास्तुकला में रुचि रखने वाले सभी लोगों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, मगध प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक क्षत्रनील सिंह, जहानाबाद की जिलाधिकारी श्रीमती अलंकृता पाण्डेय, पुलिस अधीक्षक विनीत कुमार सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।