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त्योहारी सीजन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ को बढ़ावा देने के उद्देश्य से खादी प्रदर्शनी का आयोजन

‘खादी महोत्सव’ के अंतर्गत आई एन ए दिल्ली हाट में विशेष खादी प्रदर्शनी का उद्घाटन। मुख्य अतिथि एमएसएमई मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने अध्यक्ष केवीआईसी मनोज कुमार के साथ आई एन ए दिल्ली हाट में विशेष खादी प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। त्योहारी सीजन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ को बढ़ावा देने के उद्देश्य से खादी प्रदर्शनी का आयोजन। 31 अक्टूबर तक चलेगी प्रदर्शनी, देश के विभिन्न राज्यों के खादी संस्थानों और ग्रामोद्योगी इकाइयों के 157 स्टॉल लगाए गए। भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाने के लिए ‘खादी महोत्सव’ के अंतर्गत सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने दिल्लीवासियों से इस प्रदर्शनी में पधारकर खादी उत्पादों की अधिक से अधिक खरीदारी करने की अपील की। केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा, “पीएम मोदी की ब्रांडशक्ति से खादी उत्पादों की बिक्री बढ़ी, गाँधी जयंती पर दिल्ली के खादी ग्रामोद्योग भवन में एक दिन में 2 करोड़ रूपये से अधिक की बिक्री इसका प्रतीक है।”

सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई), भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने मुख्य अतिथि के तौर पर खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष मनोज कुमार की उपस्थिति में आई एन ए दिल्ली हाट में आयोजित विशेष खादी प्रदर्शनी का शुक्रवार को शुभारंभ किया। देशभर में मनाये जा रहे ‘खादी महोत्सव’ के अंतर्गत त्योहारों के मौसम में आयोजित इस प्रदर्शनी का उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को बढ़ावा देना और खादी कारीगरों की आय को बढ़ाना है। राज्य कार्यालय, खादी और ग्रामोद्योग आयोग, नई दिल्ली द्वारा इस विशेष खादी प्रदर्शनी का 31 अक्टूबर तक आयोजन किया जा रहा है। इस प्रदर्शनी में दिल्ली, राजस्थान, बिहार, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, मध्य प्रदेश, बंगाल, हरियाणा, जम्मू सहित देश के विभिन्न राज्यों से 55 खादी संस्थानों और 102 ग्रामोद्योग इकाइयों के 157 स्टॉल लगाए गए हैं, जहां खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की एक विशाल श्रृंखला प्रदर्शित की जा रही है। प्रदर्शनी में विभिन्न प्रकार की साड़ियाँ, रेडीमेड वस्त्र, हस्तशिल्प वस्तुएँ, हर्बल और आयुर्वेदिक उत्पाद, चमड़े के सामान, हस्तनिर्मित कागज उत्पाद, अचार, मसाले, साबुन, शैंपू, शहद इत्यादि बिक्री हेतु अलग-अलग स्टॉलों में प्रदर्शित किये जा रहे हैं। प्रदर्शनी में भाग लेने वाले कारीगर और शिल्पकार खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की अपनी विविध श्रृंखला का सजीव प्रदर्शन भी कर रहे हैं।

उद्घाटन कार्यक्रम में मीडिया को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री एमएसएमई जीतन राम मांझी ने सभी देशवासियों से खादी व लोकल उत्पादों को अधिक से अधिक खरीदने की अपील की। इस अवसर पर उन्होंने दिल्लीवासियों से विशेष आग्रह किया कि वे त्योहारों की खरीदारी के लिए इस खादी प्रदर्शनी में पधारें और स्वदेशी खादी उत्पादों की खरीदारी कर प्रधानमंत्री जी के दृष्टिकोण के अनुरूप ‘वोकल फॉर लोकल’ एवं ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान का हिस्सा बनें। उन्होंने आगे कहा कि खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की इस प्रदर्शनी का व्यापक लक्ष्य ग्रामीण कारीगरों और पारंपरिक शिल्पकारों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है, जिससे उन्हें सशक्त बनाया जा सके और भारत के स्वदेशी शिल्प कौशल की जीवंत विरासत को संरक्षित किया जा सके। इस प्रदर्शनी ने देश के कलाकारों को उनकी कला को प्रदर्शित करने के लिए बेहतरीन मंच प्रदान किया है।

मीडिया से संवाद के दौरान केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि पूज्य बापू के दूरदर्शी दृष्टिकोण के अनुरूप एवं ‘नये भारत की नयी खादी’ के प्रणेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में खादी और ग्रामोद्योग का कारोबार पिछले वित्त वर्ष में 1 लाख 55 हजार करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है जिसका सीधा लाभ देश के खादी कारीगरों को मिला है। हालही में, 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर चरखे पर सूत कातनेवाली कत्तिनों की पारिश्रमिक में 25 प्रतिशत और करघे पर बुनाई करनेवाले बुनकरों की पारिश्रमिक में 7 प्रतिशत की वृद्धि इसका प्रमाण है। केवीआईसी अध्यक्ष ने आगे कहा कि बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने लोकप्रिय कार्यक्रम ‘मन की बात’ के माध्यम से देशवासियों से ‘मेड इन इंडिया’ उत्पादों की खरीदारी करने का आह्वान किया था, उनकी इस अपील के तुरंत बाद गाँधी जयन्ती के अवसर पर नई दिल्ली स्थित ‘खादी ग्रामोद्योग भवन’ में एक दिन में 2 करोड़ 1 लाख 37 हजार रूपये के खादी उत्पादों की खरीदारी कर दिल्लीवासियों ने नया रिकॉर्ड बनाया है। यह उपलब्धि ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘मेक इन इंडिया’ के प्रति लोगों की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

दर्शकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए प्रदर्शनी में भारत की समृद्ध पारम्परिक कला एवं कारीगरी को दर्शाने वाले सजीव प्रदर्शन और मनमोहक सांस्कृतिक प्रोग्राम भी पेश किए जाएंगे। यह सिर्फ एक प्रदर्शनी नहीं बल्कि ऐसा मंच है जो ग्रामीण कलाकारों को अपनी कारीगरी को प्रदर्शित करने के साथ ही उनके आर्थिक सशक्तीकरण को बढ़ावा देकर भारत की स्वदेशी कारीगरी को संरक्षित बनाए रखने में योगदान देता है। कार्यक्रम में एमएसएमई मंत्रालय और केवीआईसी के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।

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