छपरा, बिहार: आज ‘सेवा कुटीर सारण’ ने एक भावुक पुनर्मिलन को संभव बनाया, जब 3 साल पहले भटक गए कैलाश सहनी को उनके परिवार को सौंप दिया गया। कैलाश सहनी, जो मूल रूप से मधुबनी जिले के ग्राम-फुल्काही, थाना-फुलपाराशर, पोस्ट-महतौड़ा के निवासी हैं, आज अपने परिजनों के साथ घर लौट गए।
कैलाश सहनी कभी करनाल में लगभग 10 वर्षों तक पल्लेदारी का काम करते थे। वर्ष 2019 में गांव लौटने के बाद, उनकी मानसिक स्थिति बिगड़ने लगी और उनका इलाज रांची के मानसिक अस्पताल में चल रहा था। रांची से लौटते समय, वह रास्ता भटक गए और अपना गुजारा करने के लिए भीख मांगने लगे। इसी दौरान वह छपरा पहुंच गए, जहां ‘सेवा कुटीर’ के क्षेत्र समन्वयक की नजर उन पर पड़ी।
‘सेवा कुटीर’ द्वारा कैलाश सहनी को आश्रय दिया गया और उन्हें सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान की गईं। उन्हें नियमित रूप से चिकित्सा सुविधा भी मिली, जिसके परिणामस्वरूप धीरे-धीरे उनकी मानसिक स्थिति में सुधार हुआ। उनके स्वस्थ होने के बाद, ‘सेवा कुटीर’ ने उनके परिवार का पता लगाया और उन्हें सूचित किया। आज, 5 जून 2025 को, कैलाश सहनी को उनके परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया, जिससे एक लंबी जुदाई का सुखद अंत हुआ।
यह घटना ‘सेवा कुटीर सारण’ के मानवीय प्रयासों और मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्तियों को समाज में फिर से जोड़ने के उनके समर्पण को दर्शाती है।