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भारतीय पारंपरिक नृत्य परंपरा की सुन्दरता है इसकी प्राचीनता और गुरु शिष्य परम्परा

भारतीय पारंपरिक नृत्य परंपरा दो हज़ार साल से भी ज़्यादा पुरानी हैं जिन्होंने सही मायने में हमारी सदियों पुरानी गुरु-शिष्य परंपरा और संस्कृति को अक्षुण्ण रखा है। इसकी झलक ऋषा टंडन और उनके अरंगेत्रम समारोह में देखने को मिली जिसमें मनोरंजन जगत की कुछ प्रसिद्ध हस्तियों ने इस खास शाम की शोभा बढ़ाई, जिनमेंं श्रेयसी गोपीनाथ, पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित राज्यसभा सांसद और भारत की प्रतिष्ठित सांस्कृतिक हस्ती डॉ. सोनल मानसिंह और राकेश शर्मा सम्मिलित हुए।

भारतीय पारंपरिक नृत्य परंपरा दो हज़ार साल से भी ज़्यादा पुरानी हैं जिन्होंने सही मायने में हमारी सदियों पुरानी गुरु-शिष्य परंपरा और संस्कृति को अक्षुण्ण रखा है। इसकी झलक ऋषा टंडन और उनके अरंगेत्रम समारोह में देखने को मिली जिसमें मनोरंजन जगत की कुछ प्रसिद्ध हस्तियों ने इस खास शाम की शोभा बढ़ाई, जिनमेंं श्रेयसी गोपीनाथ, पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित राज्यसभा सांसद और भारत की प्रतिष्ठित सांस्कृतिक हस्ती डॉ. सोनल मानसिंह और राकेश शर्मा सम्मिलित हुए।

इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित किए गए इस समारोह पर ऋषा टंडन को अपना आशीर्वाद देते हुए, पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित, राज्यसभा सांसद और भारत की प्रतिष्ठित सांस्कृतिक हस्ती डॉ. सोनल मानसिंह ने कहा, “आपके अरंगेत्रम के इस शुभ दिन पर, ऋषा न केवल सालों के समर्पित प्रशिक्षण की परिणति की, बल्कि एक सच्ची कलाकार के रूप में उभरने की भी गवाह बनी। मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि वर्चुअल रिएलिटी के इस दौर में भी ये युवा शिष्य इस कला के प्रति कितना जुनून और विश्वास दिखा रहे हैं। मेरा आशीर्वाद ऋषा के साथ है। मेरी कामना है कि वह समर्पण और जुनून से डांस करना जारी रखें, क्योंकि यह भरतनाट्यम की आत्मा है जो आपके माध्यम से बोलती है।”

ऋषा टंडन ने सात साल की उम्र से ही श्रेयसी गोपीनाथ डांस अकादमी से भरतनाट्यम की दिव्य कला को सीखना शुरू कर दिया था। गुरु श्रेयसी गोपीनाथ के कुशल मार्गदर्शन और आशीर्वाद से, वह एक बेहतरीन डांसर के रूप में उभरी हैं। पिछले 9 सालों में, उन्होंने अपनी गुरु की निरंतर प्रेरणा और प्रोत्साहन से, इस क्लासिकल डांस फॉर्म की बारीकियों और सटीक तकनीकों को सीखा है। ऋषा को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के तहत सांस्कृतिक संसाधन और प्रशिक्षण केंद्र से डांस स्कॉलरशिप मिली है। उन्होंने प्राचीन कला केंद्र, चंडीगढ़ (कला और संस्कृति को समर्पित संगठन) से क्लासिकल डांस में पांच वर्षीय प्रारंभिक एवं भूषण पाठ्यक्रम पूरा किया है। उन्हें प्रगति मैदान में साहित्य कला केंद्र, एससीईआरटी, किरण नादर कला एवं संस्कृति संग्रहालय और यशराज भारती सम्मान द्वारा आयोजित विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का हिस्सा बनने का सौभाग्य मिला है। ऋषा ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय डांस प्रतियोगिताओं में ईनाम जीते हैं।

ऋषा टंडन ने आभार व्यक्त करते हुए कहा, “मैं सर्वश्रेष्ठ भरतनाट्यम डांसर्स में से एक बनना चाहती हूं, और मैं अपने अरंगेत्रम परफॉर्मेंस को अपनी गुरु और परिवार के सदस्यों को समर्पित करती हूं, जिन्होंने मेरे साथ यह सपना देखा है।”

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