दशहरा पर्व खत्म होने के साथ ही मिट्टी के दीये बनाने की तैयारी में कुम्हार समाज के लोग जुट गए है। दीपावली पर्व के दस दिन पहले से ही कुम्हार समाज के लोग मिट्टी के दीये बनाने की तैयारी में जुट गए हैं। चैनपुर गांव एक युवक दिया बनाने में पिछले एक महीने से व्यस्त है। पूछने पर उन्होंने बताया कि दीया के अलावे मिट्टी के घंटी, कलशा, हाथी, कोसी के साथ छठ पूजा में काम आने वाले अनेको बर्तन भी बनाता हूँ। युवक के पिता ने बताया कि पिछले साल दीवाली में मिट्टी के दीये की मांग बड़े पैमाने पर हुई थी। इसलिए अभी से हमलोग दीया बनाने लगे हुए हैं। हालांकि दीवाली भी नजदीक आ गया है।
उन्होंने बताया की प्रखंड के कुम्हारों ने मिट्टी के दीये बनाने में रात दिन एक किए हुए हैं। मिट्टी के दीये के अलावे मिट्टी के ढकना, मिट्टी के घोड़े आदि बर्तन कुम्हार बना रहे हैं। ज्यादातर पुरुष ही मिट्टी के बर्तन बनाते हैं।उन्होंने बताया कि बेरोजगारी के इस आलम में अपना रोजगार ही काम आ रहा है। फिर भी लोग हमारी अहमियत नहीं देते। आजकल चाइनीज दियों के कारण हमारी दिये कि मांग कुछ कम हो गई है। उन्होंने कहा कि इसी कमाई से हमलोगों के घर परिवार का खर्चा चलता है। कुम्हार समाज ने लोगों से अपील की है कि इस साल दीवाली में लोग मिट्टी के दीये का ही प्रयोग करें। चाइनीज समान से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। उन्होंने मिट्टी के दिये से दीपावली मनाने के लिए जनता से अपील की।