HomeRegionalBiharसिवान और सारण जिलों में छाड़ी गंडकी नदी पर स्थित 6 पुल-पुलिया...

सिवान और सारण जिलों में छाड़ी गंडकी नदी पर स्थित 6 पुल-पुलिया ध्वस्त होने के मामले में किसे ठहराया गया जिम्मेदार……

कल और आज सिवान एवं सारण जिलों में छाड़ी गंडकी नदी पर अवस्थित 06 अदद् पुल-पुलिया ध्वस्त होने के संबंध में बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग ने किसे ठहराया जिम्मेदार .....

 

दोषी अभियंताओं और संवेदक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

पटना 4 जुलाई 2024। कल और आज सिवान एवं सारण जिलों में छाड़ी गंडकी नदी पर अवस्थित 06 अदद् पुल-पुलिया ध्वस्त होने के संबंध में बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर संबंधित अभियंताओं और संवेदकों को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि इन पुलों का निर्माण युद्धस्तर पर किया जाएगा और इन पर होने वाले व्यय की वसूली संवेदक से की जायेगी।

विभाग ने कहा कि मुख्यमंत्री, बिहार के द्वारा वर्ष 2023 में गोपालगंज जिला में किये गये समाधान यात्रा के दौरान प्राप्त आवेदनों का संज्ञान लेते हुए गोपालगंज, सिवान एवं सारण जिलों से प्रवाहित होने वाले छाड़ी/गंडकी नदी के प्रवाह को अविरल बनाने के साथ-साथ नदी जोड़ योजना एवं जल-जीवन-हरियाली अभियान के संयुक्त उद्देश्य से जल संसाधन विभाग के द्वारा गंडक अकाली नाला (छाड़ी)-गंडकी-माही-गंगा नदी जोड़ योजना का कार्यान्वयन कराया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत गंडक नदी के अधिशेष जल को छाड़ी नदी, गंडकी नदी, माही (डबरा) नदी के माध्यम से गंगा नदी में प्रवाहित किया जाना है।  69.89 करोड़ की लागत राशि से इस योजना के तहत लगभग 170 कि०मी० की लम्बाई में 19 मी0 चौड़ाई तथा औसत गहराई 03 मी० में गाद निकासी (Desiltation) कार्य कराया जाना है। इस योजना को मार्च, 2025 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है।

जारी विज्ञप्ति के अनुसार छाड़ी नदी के प्रवाह को अविरल होने से इस क्षेत्र में बाढ़ आपदा न्यूनीकरण में मदद मिलेगी एवं इस क्षेत्र के जलीय पारिस्थितिकी के साथ-साथ भू-जल स्तर में भी सुधार होगा।

जल संसाधन विभाग ने कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि कार्य के कार्यान्वयन के दौरान संबंधित अभियंताओं के द्वारा इस नदी पर अवस्थित पुल-पुलिया को सुरक्षित रखे जाने हेतु एहतियातन कदम नहीं उठाया गया तथा समुचित तकनीकी पर्यवेक्षण नहीं किया गया, साथ ही कार्यकारी संवेदक के स्तर से भी लापरवाही बरती गयी। यह भी प्रतीत होता है कि संरचनाओं के Pier & Abutment के समीप तकनीकी रूप से संतुष्ट होने के उपरान्त ही खुदाई कार्य किया जाना चाहिए था, जो नहीं किया गया, जिसके लिए कार्यान्वयन से संबंधित अभियंता प्रथम द्रष्टया जवाबदेह दिखते है।

इन पुल- पुलियों के क्षतिग्रस्त होने के मामले को गंभीरता से लिया गया है तथा इसकी जाँच का आदेश उड़नदस्ता संगठन को दिया गया है। उड़नदस्ता दल स्थल पर पहुँच चुका है तथा उनके द्वारा जांच की जा रही है। कार्यान्वयन से संबंधित दोषी अभियंताओं को चिन्हित कर एवं संवेदक के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी।

छाड़ी नदी पर आवागमन सुनिश्चित करने हेतु नये पुलों के निर्माण कार्य की स्वीकृति युद्धस्तर पर एक सप्ताह के अन्दर प्रदान किया जायेगा। इन पुलों के निर्माण पर होने वाले व्यय की वसूली संवेदक से की जायेगी।

 

 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments