केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ) के अंतर्गत बैंकों द्वारा प्रस्तुत ब्याज अनुदान दावों के निपटान की प्रक्रिया को स्वचालित और तेज करने के लिए एक वेब पोर्टल का शुक्रवार को शुभारंभ किया। मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार यह पोर्टल कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (डीएएंडएफडब्ल्यू) और नाबार्ड द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। पोर्टल के उद्घाटन के अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी, नाबार्ड के अध्यक्ष, किसान कल्याण विभाग और बैंकों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
चौहान ने बताया कि यह पोर्टल ब्याज अनुदान दावा और क्रेडिट गारंटी शुल्क दावा प्रसंस्करण का स्वचालन सरकार को सटीक ब्याज अनुदान जारी करने, बदलाव का समय को कम करने और बदले में किसानों और कृषि उद्यमियों को वित्तीय रूप से मदद करने और उन्हें देश में कृषि के विकास के लिए अधिक परियोजनाएं लेने के लिए प्रोत्साहित करने में मदद करेगा। कृषि अवसंरचना कोष को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा एक लाख करोड़ रुपये के वित्तपोषण के साथ शुरू किया गया था ताकि फसलों के भंडारण की क्षमता बढ़ाई जा सके और किसानों के नुकसान को कम किया जा सके।
कृषि मंत्री ने कहा कि क्रेडिट दावों के स्वचालन से दावों का निपटान एक दिन के भीतर सुनिश्चित हो जाएगा, जो अन्यथा हस्तचालित (मैन्युअल) निपटान के लिए महीनों लगते थे। उन्होंने कहा कि आज तक कृषि अवसंरचना कोष के तहत 67,871 परियोजनाओं के लिए 43,000 करोड़ रुपये पहले ही स्वीकृत किए जा चुके हैं, 72,000 करोड़ रुपये के निवेश को जुटाया गया है। मंत्रालय का कहना है कि एक स्वचालित प्रणाली पोर्टल के माध्यम से सटीक पात्र ब्याज अनुदान की गणना में मदद करेगी, जिससे हस्तचालित प्रसंस्करण में संभावित मानव त्रुटि से बचा जा सकेगा और दावों का तेजी से निपटान भी होगा। इस पोर्टल का उपयोग बैंक, कृषि और किसान कल्याण विभाग का केंद्रीय परियोजना प्रबंधन इकाई और नाबार्ड करेंगे।