बता दे कि प्रशांत किशोर ने 2 साल पहले बिहार में जनसुराज की पदयात्रा की शुरुआत की थी। अब उनकी नजरें बिहार विधानसभा चुनाव पर हैं। प्रशांत किशोर जनसभा में बिहार में बदलाव लाने की बात भी करते हैं। लंबे समय से बिहार में जमे रहने वाले राजनीतिक दलों का सफाया करने की भी बात कर रहे हैं। उन्होंने बिहार के कई बड़े नेताओं को अपने निशाने पर लिया इसके बाद दूसरे दल के नेताओं ने भी जनसुराज के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हालांकि प्रशांत किशोर की जान स्वराज का असर अगले साल होने वाले चुनाव में कितना दिखेगा यह तो वक्त ही बताएगा।