HomeRegionalBiharबिहार में सरकारी वित्तीय सहायता से सोलर प्लांट लगाकर किसान बढ़ाएंगे...

बिहार में सरकारी वित्तीय सहायता से सोलर प्लांट लगाकर किसान बढ़ाएंगे अपनी आमदनी

बिहार में पीएम कुसुम योजना के तहत 843 विद्युत उपकेंद्रों से जुड़े कुल 1235 कृषि/मिश्रित फीडरों के सोलराइजेशन हेतु बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड द्वारा निविदा जारी की गई है। इस योजना में किसान/फर्म 843 विद्युत उपकेंद्रों के लगभग पांच किलोमीटर दायरे के अंदर कृषि फीडर में मौजूद लोड के अनुसार फीडर के ऊर्जान्वयन हेतु सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर सकते हैं। इसके अंतर्गत कृषि पंप को भी सौर ऊर्जा प्रदान किया जाएगा जिससे किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी। इस योजना के अंतर्गत किसान अपनी जमीन सोलर प्लांट लगाने के लिए लीज (पट्टा) अथवा रेंट पर दे सकते हैं जिससे उन्हें आमदनी होगी। इसके अलावा वे अपने जमीन में ऊंची संरचना बना कर ऊपर सोलर प्लांट लगा सकते हैं और नीचे खेती कर सकते हैं। ज्ञात हो कि एक मेगावाट सोलर प्लांट लगाने के लिए चार एकड़ जमीन की जरूरत है।

इस योजना में कोई भी व्यावसायिक कंपनी अकेले या अधिकतम तीन घटकों के संघ के रूप में भाग ले सकती है। इस योजना में हर एक बोलीकर्ता के लिए कम से कम एक करोड़ पांच लाख प्रति मेगावाट का न्यूनतम शुद्ध संपत्ति का वित्तीय मानदंड रखा गया है परंतु किसान, किसानों के समूह/सहकारिता/पंचायत/किसान उत्पादक संगठन/ जल उपभोगकर्ता संघ/स्वयं सहायता संघ भी बिना किसी तकनीकी या वित्तीय मानदंड के भाग ले सकते हैं। यदि किसान इस संविदा में भाग लेते हैं तो उन्हें केवल प्रत्येक मेगावाट का ईएमडी के रूप में एक लाख रुपए देने होंगे।

माननीय मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि राज्य सरकार का ध्यान किसानों की प्रगति के साथ ही सतत विकास पर भी केंद्रित है। पीएम कुसुम योजना इन दोनों उद्देश्यों को पूरा करता है। बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक संजीव हंस ने कहा कि इस योजना के माध्यम से न सिर्फ किसान सशक्त होंगे बल्कि राज्य को भी हरित ऊर्जा का फायदा होगा।

इस योजना के अंतर्गत नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रति मेगावाट एक करोड़ पांच लाख रुपए तथा बिहार सरकार द्वारा प्रति मेगावाट 45 लाख रुपए की वित्तीय सहायता राशि प्रदान की जाएगी। सफल बोलीकर्ता को 15 महीने के अंदर सोलर प्लांट का निर्माण कर उसे 11 केवी लाइन द्वारा विद्युत उपकेंद्र से जोड़ देना होगा। वितरण कंपनी 25 वर्षों के लिए इस प्लांट से बिजली खरीदने का इकरारनामा करेगी। निविदा से संबंधित दस्तावेज और कंपनी द्वारा जारी किए गए संशोधनों के साथ विद्युत उपकेंद्रों की सूची बिहार ई प्रोक्योरमेंट पोर्टल (https://eproc2.bihar.gov.in) पर उपलब्ध है।

निविदा भरने हेतु निविदा से संबंधित अधिक जानकारी हेतु https://eproc2.bihar.gov.in (निविदा आई डी 59148) पर देखा जा सकता है।

 

निविदा भरने हेतु किसान/कंपनी को https://eproc2.bihar.gov.in पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। रजिस्ट्रेशन के लिए क्लास-3 (सिग्नेचर तथा इन्क्रिप्शन दोनों से निहित) डिजिटल सिग्नेचर होना घाहिए साथ ही पैन कार्ड, ईमेल आईडी तथा मोबाइल नंबर भी होना चाहिए। डिजिटल सिग्नेचर www-emudradigital-com या किसी अन्य वेबसाइट से तैयार / प्राप्त किया जा सकता है। डिजिटल सिग्नेचर हेतु किसी सदनी लेखाकार (चार्टर्ड अकाउंटेंट) से संपर्क कर बनवाया जा सकता है।

बोलीकर्ताओं को बोली जमा करते समय 590 रुपए का टेंडर प्रोसेसिंग शुल्क और 23,600 रुपए का टेंडर शुल्क प्रदान करना होगा तथा 1 लाख रुपए प्रति मेगावाट की अग्रिम धनराशि बैंक गारंटी के रूप में जमा करनी होगी। टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली में भाग लेने की अंतिम तिथि 20 जून 2024 रखी गई है। इस योजना में भाग लेने वाले इच्छुक किसान, कंपनी अपना नाम, पता. व्हाट्सएप नंबर, विद्युत उपकेंद्र का नाम जिस पर संयंत्र लगाना चाहते हैं, किसान/कंपनी के पास उपलब्ध भूमि (एकड़ में), उस पावर सबस्टेशन का नाम जहां वे सौर ऊर्जा भेजना चाहते हैं, लिखकर व्हाट्‌सएप्प के माध्यम से बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड के व्हाट्सएप नबर 7320924004 पर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments