पटना, 26 जून 2025: बिहार में शिक्षकों की स्थानांतरण संबंधी शिकायतों और शैक्षणिक व्यवस्था में आ रही बाधाओं को देखते हुए शिक्षा विभाग ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। अब शिक्षक ई-शिक्षा कोष पोर्टल के माध्यम से आपसी सहमति से अपने विद्यालयों का चयन कर सकेंगे। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को एक पत्र जारी किया है।
डॉ. सिद्धार्थ ने अपने पत्र में स्वीकार किया है कि हाल ही में बड़ी संख्या में हुए स्थानांतरणों के बावजूद कई शिक्षक असंतुष्ट हैं और विभिन्न स्तरों पर शिकायतें दर्ज करा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कई विद्यालय ऐसे हैं जहाँ से शिक्षक स्थानांतरित होकर दूसरे स्कूलों में चले गए हैं, लेकिन उन विद्यालयों में अभी तक स्थानांतरित शिक्षकों ने योगदान नहीं दिया है, जिससे पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है।
“स्कूल स्वयं चयनित करने का मौका”
इस समस्या को हल करने के लिए सरकार ने निर्णय लिया है कि अब शिक्षकों को अपना स्थानांतरण कर विद्यालय स्वयं चयनित करने का मौका दिया जाएगा। इसके तहत, एक ही प्रकार के दो या अधिकतम दस शिक्षक मिलकर एक ग्रुप बना सकेंगे और आपसी सहमति से विद्यालयों में अपना परस्पर स्थानांतरण करवा सकेंगे। इस व्यवस्था के लिए यह आवश्यक होगा कि शिक्षक एक ही प्रकार के हों (जैसे नियमित शिक्षक केवल नियमित के साथ ग्रुप बना सकेंगे) और एक ही विषय के शिक्षक आपस में ग्रुप बनाकर पारस्परिक स्थानांतरण कर सकेंगे।
ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर नई सुविधा
डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि शिक्षक अब ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर स्थानांतरण के लिए इच्छुक शिक्षकों की सूची देख सकेंगे। वे दो या अधिकतम दस शिक्षकों का चयन कर पारस्परिक स्थानांतरण के लिए आवेदन कर सकते हैं। एक-दूसरे का नंबर देखने के लिए शिक्षकों को ओटीपी डालना होगा। आपसी बातचीत के बाद, शिक्षक पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकेंगे, जिसका निस्तारण अधिकतम तीन दिनों में कर दिया जाएगा और अधिकतम 7 दिनों में शिक्षक अपने वांछित स्कूल में योगदान दे सकेंगे। हालांकि, इस प्रक्रिया में एक शर्त भी है: यदि ग्रुप का एक भी शिक्षक अपना योगदान देने से मना करता है, तो पूरे ग्रुप का स्थानांतरण आदेश रद्द कर दिया जाएगा।
शिक्षा विभाग का कोई हस्तक्षेप नहीं
इस नई स्थानांतरण व्यवस्था में शिक्षा विभाग के राज्य मुख्यालय या जिला स्थापना समिति की कोई भूमिका या हस्तक्षेप नहीं होगा। शिक्षकों के लिए यह सुविधा 10 जुलाई से पूरे जुलाई महीने तक उपलब्ध रहेगी। यह कदम शिक्षकों की लंबे समय से चली आ रही स्थानांतरण संबंधी समस्याओं का स्थायी समाधान प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।