सावन का आगमन भगवान शिव के भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। इस महीने में भगवान शिव की पूजा-अर्चना का विशेष विधान होता है। सावन के प्रत्येक सोमवार को सावन सोमवार के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भगवान शिव की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
सावन सोमवार का महत्व:
पापों का नाश: ऐसा माना जाता है कि सावन सोमवार के व्रत और पूजा से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों के पापों को दूर करते हैं।
मनोकामना पूर्ति: सावन सोमवार के व्रत और पूजा से भगवान शिव भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
सुख-समृद्धि: सावन सोमवार के व्रत और पूजा से भगवान शिव भक्तों को सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं।
अच्छे स्वास्थ्य: सावन सोमवार के व्रत और पूजा से भगवान शिव भक्तों को अच्छे स्वास्थ्य का वरदान देते हैं।
सावन सोमवार की पूजा विधि:
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
घर के मंदिर में भगवान शिव की प्रतिमा या शिवलिंग स्थापित करें।
भगवान शिव को गंगाजल, दूध, बेलपत्र, धतूरा, भांग, फल, फूल आदि अर्पित करें।
शिव चालीसा का पाठ करें या “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
दिन भर व्रत रखें और सात्विक भोजन ग्रहण करें।
शाम को आरती करें और भगवान शिव की कथाएं सुनें।
सावन सोमवार के कुछ विशेष उपाय: सावन सोमवार के दिन भगवान शिव को जल, दूध, या घी से अभिषेक करें।
सावन सोमवार के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें।
सावन सोमवार के दिन झूठ बोलने, मांस-मदिरा का सेवन करने और क्रोध करने से बचें।
सावन सोमवार न केवल भक्ति और आध्यात्मिकता का पर्व है, बल्कि यह प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का भी अवसर है। इस महीने में चारों ओर हरियाली छा जाती है और वातावरण सुखद हो जाता है। सावन सोमवार के व्रत और पूजा से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।