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वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान रिकॉर्ड उत्पादन स्तर के बाद अप्रैल 2024 में खनन क्षेत्र में वृद्धि

मूल्य की दृष्टि से कुल एमसीडीआर खनिज उत्पादन का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा लौह अयस्क और चूना पत्थर से मिलकर आता है। इन दोनों प्रमुख खनिजों ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान रिकॉर्ड स्तर का उत्पादन प्रदर्शित किया। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान लौह अयस्क का उत्पादन 277 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) और चूना पत्थर का उत्पादन 450 एमएमटी रहा।

चालू वित्त वर्ष के पहले महीने में प्रमुख खनिजों एवं एल्युमीनियम धातु के उत्पादन में निरंतर वृद्धि

 

नई दिल्ली। मूल्य की दृष्टि से कुल एमसीडीआर खनिज उत्पादन का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा लौह अयस्क और चूना पत्थर से मिलकर आता है। इन दोनों प्रमुख खनिजों ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान रिकॉर्ड स्तर का उत्पादन प्रदर्शित किया। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान लौह अयस्क का उत्पादन 277 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) और चूना पत्थर का उत्पादन 450 एमएमटी रहा।

वित्तीय वर्ष 2024-25 के पहले महीने में इन खनिजों के उत्पादन में पिछले साल के इसी महीने के उत्पादन की तुलना में निरंतर वृद्धि हुई है। लौह अयस्क का उत्पादन अप्रैल 2023 के दौरान 25 एमएमटी से चार प्रतिशत की वृद्धि के साथ बढ़कर अप्रैल 2024 के दौरान 26 एमएमटी हो गया है। चूना पत्थर का उत्पादन अप्रैल 2023 के दौरान 38.5 एमएमटी से 2.1 प्रतिशत की वृद्धि के साथ बढ़कर अप्रैल 2024 के दौरान 39.3 एमएमटी हो गया है।

अलौह धातु के क्षेत्र में, वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान प्राथमिक एल्युमीनियम धातु का उत्पादन 41.6 लाख टन (एलटी) के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। चालू वित्त वर्ष के दौरान एल्युमीनियम का उत्पादन निरंतर वृद्धि की राह पर है। अप्रैल 2024 के दौरान 3.42 एलटी का एल्युमीनियम उत्पादन अप्रैल 2023 के दौरान हासिल 3.39 एलटी के उत्पादन से एक प्रतिशत अधिक है।

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा एल्युमीनियम उत्पादक, चूना पत्थर का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक और लौह अयस्क का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक है। चालू वित्तीय वर्ष के दौरान लौह अयस्क और चूना पत्थर के उत्पादन में निरंतर वृद्धि स्टील एवं सीमेंट जैसे उपयोगकर्ता उद्योगों में मजबूत मांग की स्थिति को दर्शाती है। एल्युमीनियम के उत्पादन में वृद्धि के साथ, वृद्धि के ये रुझान ऊर्जा, बुनियादी ढांचे, निर्माण, ऑटोमोटिव और मशीनरी जैसे उपयोगकर्ता क्षेत्रों में निरंतर मजबूत आर्थिक गतिविधि की ओर इशारा करते हैं।

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