केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने आज जिनेवा में डब्ल्यूएचओ की 77वीं वर्ल्ड हेल्थ असेंबली के अवसर पर ग्लोबल फंड के साथ द्विपक्षीय बैठक की।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने भारत में तीन बीमारियों, टीबी, एचआईवी/ एड्स और मलेरिया के उन्मूलन के लिए ग्लोबल फंड के निरंतर समर्थन को लेकर आभार प्रकट किया और उसकी सराहना की। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि अधिकांश निवेश कार्यक्रम के लिए क्षमता निर्माण, तकनीकी सहायता और प्रयोगशाला प्रणाली को मजबूत बनाने में किया गया है, जिससे बेहतर स्थायित्व प्राप्त होता है। उन्होंने ग्लोबल फंड से सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों की क्षमताओं को मजबूत करने के लिए टीबी कार्यक्रम को अपना समर्थन जारी रखने का भी आह्वान किया।
ग्लोबल फंड ने टीबी को खत्म करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की सराहना की, जिसमें व्यापक जागरूकता पैदा करना, एक बुराई के तौर पर इसे दूर करना और डिजिटल तकनीकों का उपयोग करके कार्यक्रमों की गहन निगरानी करना शामिल है। इसने यह भी उल्लेख किया कि टीबी कार्यक्रम में ट्रूनैट मशीनों, हाथ से पकड़े जाने वाले एक्स-रे उपकरणों जैसी भारत के नए तौर-तरीके दुनिया के लिए अनुकरणीय हैं, जो एक अच्छे वातावरण में काम करने के लिहाज से आदर्श हैं।
इस अवसर पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव हेकाली झिमोमी, जिनेवा में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत अरिंदम बागची और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।