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हरियाणा की पिछली सरकारों ने विकास के नाम पर राज्य को कुछ नहीं दिया और उन्हें नौकरियों में भ्रष्टाचार करने का हिसाब देना चाहिए: अमित शाह

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को आरोप लगाया कि हरियाणा की पिछली सरकारों ने विकास के नाम पर राज्य को कुछ नहीं दिया और उन्हें नौकरियों में भ्रष्टाचार, जातिवाद फैलाने, अन्य पिछड़ा वर्ग समाज के साथ अन्याय करने तथा परिवारवाद का हिसाब देना चाहिए। शाह ने हरियाणा के महेंद्रगढ़ में आयोजित पिछड़ा वर्ग सम्मान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हरियाणा की भूमि तीन चीज़ों के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है। सेना में सबसे अधिक जवान हरियाणा से हैं, सबसे अधिक खिलाड़ी हरियाणा से हैं और देश में सबसे अधिक अन्न का उत्पादन भी हरियाणा में होता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा कैबिनेट ने तीन महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। इसके तहत क्रीमी लेयर की सीमा को 6 लाख रुपये से बढ़ाकर 8 लाख रुपये करने का निर्णय लिया गया है जिसमें वेतन और कृषि की आय नहीं गिनी जाएगी। इसके साथ ही पंचायतों में ग्रुप ए के लिए 8 प्रतिशत आरक्षण के साथ ही ग्रुप बी के लिए भी 5 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। इसी तरह नगर पालिकाओं में भी ग्रुप ए के लिए 8 प्रतिशत आरक्षण के साथ ही ग्रुप बी के लिए भी 5 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी ने देश को पहला ऐसा सशक्त प्रधानमंत्री दिया है, जो पिछड़ा वर्ग से आते हैं और उनके मंत्रिमंडल के 71 में से 27 मंत्री पिछड़ा वर्ग के हैं, जिनमें 2 मंत्री हरियाणा से हैं।

उन्होंने कहा कि 1957 में जब ओबीसी आरक्षण के लिए काका कालेलकर कमीशन बना तब उसे कई सालों तक लागू नहीं होने दिया गया। उन्होंने कहा कि 1980 में तत्कालीन प्रधानमंत्री ने मंडल कमीशन को ठंडे बस्ते में डाल दिया और जब 1990 में इसे लाया गया तो तत्कालीन प्रधाननमंत्री ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ओबीसी आयोग को संवैधानिक मान्यता देकर पूरे पिछड़े समाज को संवैधानिक अधिकार देने का काम किया है। केन्द्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल और नीट परीक्षाओं में पहली बार 27 प्रतिशत आरक्षण इसी सरकार ने दिया है। क्रीमी लेयर की सीमा को बढ़ाते हुए इसमें से कृषि और वैतनिक आय को बाहर रखकर एक ऐतिहासिक निर्णय भी मोदी की सरकार ने लिया है। शाह ने कहा कि हरियाणा सरकार ने भी पिछड़े वर्ग के कल्‍याण के लिए कई योजनाएं चलाई हैं। हरियाणा में पिछड़े वर्ग के एक बेटे को मुख्यमंत्री बनाया गया है और अब नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में राज्य आगे बढ़ेगा।

शाह ने कहा कि पिछली सरकारों को नौकरियों में भ्रष्टाचार करने, जातिवाद फैलाने, ओबीसी समाज के साथ अन्याय करने और परिवारवाद का हिसाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में हरियाणा को व्यवसाय में सुगमता बढाने का काम हुआ है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने विकास के नाम पर हरियाणा को कुछ नहीं दिया। मोदी सरकार और हरियाणा सरकार ने गरीबों को घर, गैस कनेक्शन, बिजली, शौचालय, 5 लाख तक का मुफ्त इलाज और हर गरीब को 5 किलो मुफ्त अनाज देने का काम की किया है।

उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने अपने 10 साल में हरियाणा को सिर्फ 41000 करोड़ रूपए दिए जबकि मोदी सरकार ने 10 साल में हरियाणा को 2 लाख 69 हज़ार करोड़ रूपए देने का काम किया है। पिछले 10 साल में हरियाणा में 12 एक्सप्रेसवे बने और हर जिले को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ा गया। इसके साथ ही हरियाणा में गुरुग्  -सिकंदरपुर व बदरपुर मुजेसर मेट्रो रेल सेवा, हिसार में पहला एयरपोर्ट, रेवाड़ी में 750 बिस्तर वाला एम्स और आईआईटी दिल्ली का झज्जर में कैंपस और 2000 करोड़ रुपये की लागत से बाढ़सा गांव में सबसे बड़ा कैंसर संस्थान बनाने का काम मोदी सरकार ने किया है। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री सैनी, केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, राव इंद्रजीत सिंह और कृष्णपाल गुर्जर सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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