पटना के कंकरबाग एम् आई जी 76 में 20 दिनों तक निराहार रहकर विश्व कीर्तिमान बनाने वाले नेपाल के संत राजेंद्र रेग्मी उर्फ़ निराहारी बाबा को बिहार सरकार के पूर्व मंत्री जीवेश मिश्रा ने उनकी इस उपलब्धि पर उनसे मिलकर बधाई दी। साथ ही उन्होंने निराहारी बाबा को पाग, शॉल और मोमेंटो देकर सम्मानित किया। पूर्व मंत्री जीवेश मिश्रा ने कहा ये बाबा अदभुत, अकल्पनीय है कि कोई व्यक्ति कैसे बिना खाए – पिए रह सकता है इस पर रिसर्च होना चाहिए। दुर्गम जगह में काम करने वाले लोगों के लिए मिल का पत्थर सबिता होगा। वहीं 20 दिनों तक निराहार रहने वाले निराहारी बाबा का नाम गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड, लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स और इंटरनेशनल बुक ऑफ़ रिकार्ड्स के लिए अप्लाई कर दिया गया है।
बता दें कि इससे पहले गिनीज वर्ल्ड बुक में अप्रैल1979 में 18 दिनों तक निराहार रहने का रिकॉर्ड ऑस्ट्रिया निवासी एंड्रियास मिहावेज के नाम दर्ज है। राजेंद्र रेग्मी उर्फ़ निराहारी बाबा ने 20 दिनों तक निराहार रहकर उसके रिकार्ड्स को ध्वस्त कर दिया है। उनकी इस उपलब्धियों पर कई संस्थाओं ने भी उन्हें सम्मानित किया है। बाबा के 20 दिनों के निराहार के दौरान प्रति दिन स्वस्थ की जाँच करनेवाले डॉ यश राज ने बताया कि सामान्य व्यक्ति अगर अन्न केवल त्याग कर पानी ले रहा है तो एक महीने से डेढ़ महीने मैक्सिमम दो महीने तक जिंदा रह सकता है। पानी से शरीर को बहुत पोषक तत्व मिलते हैं। यदि कोई शख्स अन्न जल भी छोड़ रहा है तो एक सप्ताह तक जीवित रह सकता है। जल छोड़ने के बाद बहुत सारे जो सिस्टम है वह शटडाउन होने लगते हैं। किडनी का फंक्शन काम करना बंद करने लगता है। इस प्रकार के लंबे उपवास से स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं। उपवास के दौरान शरीर में पोषण की कमी हो सकती है, जिससे कमजोरी, चक्कर आना, और अन्य शारीरिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।