छपरा 10 जुलाई 2024: सच्ची कहा गया है कि प्रेम किसी भी बाधा को नहीं मानता। जब दो दिल एक होते हैं तो हर मुश्किल आसान हो जाती है। इसका जीता-जागता उदाहरण पेश करते हैं छपरा जिले के दिघवारा प्रखंड के रामदास चक्र निवासी सुनील कुमार सिंह और हंगरी की रहने वाली विवियान जावरस।
हंगरी में हुई मुलाकात, प्रेम हुआ और फिर शादी
सुनील कुमार सिंह हंगरी में होटल मैनेजमेंट और शिप मैनेजमेंट की पढ़ाई करने के बाद व्यवसाय में लगे हुए हैं। वहीं विवियान हंगरी में सरकारी स्कूल में म्यूजिक टीचर हैं। दोनों की मुलाकात हंगरी में ही हुई और धीरे-धीरे दोनों एक-दूसरे के प्यार में पड़ गए। पिछले 4 सालों से दोनों का प्रेम प्रसंग चल रहा था।
विवियन को भारतीय संस्कृति से है प्रेम
विवियन को भारतीय संस्कृति से बहुत प्यार था और वह चाहती थीं कि उनकी शादी भारत में हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार हो। इसी इच्छा को पूरा करने के लिए वह अपने परिवार के साथ पटना आ गईं।
हिंदू रीति-रिवाजों से हुई शादी
पटना के मिथिला उत्सव हॉल में सुनील और विवियन का विवाह हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार हुआ। विवियन ने शादी के बाद अपना नाम ‘अर्चना सिंह’ रख लिया है। शादी समारोह में दोनों परिवारों के अलावा, फिल्म सेंसर बोर्ड के सदस्य अनूप नारायण सिंह, छपरा जिले के कई जनप्रतिनिधि और हंगरी के कई नागरिक भी शामिल हुए।
गांव में पेड़ लगाकर दी नई मिसाल
शादी से पहले, सुनील ने अपने गांव में एक पेड़ लगाकर एक नई मिसाल भी कायम की।
प्रेम की जीत हुई
यह शादी समाज के लिए एक प्रेरणा है। यह बताती है कि प्रेम किसी भी सीमा को नहीं मानता और अंत में जीत हमेशा प्रेम की ही होती है।