बिहार के सारण जिले में अंग्रेजी शासनकाल में गंडक नहर पर बना एक पुल ध्वस्त होकर गिर गया। तरैया प्रखंड के शाहनेवाजपुर गांव से होकर गुजरने वाली गंडक नहर पर बना बिना रेलिंग का जर्जर पुल ध्वस्त हो गया है। उक्त नहर पर ब्रिटिशकालीन जमाने में मुरलीपुर-शाहनेवाजपुर गांव के लोगों को तरैया बाजार व अन्य जगहों पर आने-जाने के लिए एक पतला सा पुल बनाया गया था। जिस पुल से पैदल, साइकिल, मोटरसाइकिल से ग्रामीण व स्कूली बच्चे आते-जाते थे।
उक्त पुल टूटकर ध्वस्त होने से अब मुरलीपुर, शाहनेवाजपुर, पचभिण्डा समेत अन्य गांव के ग्रामीणों व स्कूली बच्चों को तीन से चार किमी की दूरी तय कर तरैया बाजार व हाई स्कूल देवरिया जाना पड़ेगा। आपकों बता दें कि उक्त पुल के दोनों तरफ मुरलीपुर व शाहनेवाजपुर गांवों के काफी घना बस्ती है। उक्त पुल ध्वस्त होने के कारण आम से लेकर खास तक के लोगों अब काफी परेशानियों से गुजरना पड़ेगा। स्थानीय लोगों ने बताया कि पुल की जर्जर स्थित को देखते हुए कई बार बांस बल्ले से रेलिंग जैसा बांध कर चलने लायक बनाया गया था। 20 वर्षो से इस पुल का रेलिंग व पुल जर्जर हो गया था। जो गत रात्रि टूटकर ध्वस्त हो गया।
कई बार इस जर्जर पुल की शिकायत स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा पूर्व व वर्तमान विधायक व सांसद, व स्थानीय पदाधिकारियों समेत गंडक विभाग व सारण डीएम तक को किया जा चुका था। उक्त स्थल पर नए पुल निर्माण की स्वीकृति भी मिल चुकी है। लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधियों व विभागीय उदासीन के कारण अबतक वहां नए पुल का निर्माण नहीं हो सका हैं। अब देखना होगा कि कब नये पुल का निर्माण होता हैं।