Special Story by Rakesh Yadavहैं
बेगूसराय 12 जुलाई 2024। बेगूसराय जिले से होकर प्रमुख चार नदियां गंगा, गंडक, बलान और बैती नदी बहती है। यहां से होकर बहने वाली चारों नदियों का जलस्तर बड़े हीं तीव्र गति से बढ़ता जा रहा है। बढ़ते जलस्तर की तीव्रता को देख किसान एवं आम जनमानस बाढ़ के ख़तरों की आशंका से सांसत में जी रहा है। कारण, गंगा के तटबंध कटे और क्षतिग्रस्त पड़े हैं।
बछवाड़ा से लेकर लखमिनीयां तक रिंग बांध व गुप्ता बांध कई जगहों पर कटे:
मगर जमीनी स्तर पर देखा जाए तो बाढ़ के ख़तरों से निबटने की प्रशासनिक तैयारियों जिले में पर्याप्त नहीं है। आश्चर्य की बात तो यह है कि बाढ़ प्रमंडल बेगूसराय अनुमंडल स्तरीय समीक्षा भी कर चुकी हैं। समीक्षा एवं निरीक्षण के माध्यम से सभी अनुमंडल के तटबंधों के संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील स्थानों की घोषणा भी की जा चुकी, पर जमीनी हकीकत यही है कि गंगा नदी तटबंधों में बछवाड़ा से लेकर लखमिनीयां तक रिंग बांध व गुप्ता बांध कई जगहों पर कटे हुए हैं।
कई जगहों पर इतने बेतरतीब ढंग से तटबंध कटे हैं कि कटे स्थानों की चौड़ाई 8-10 फिट तक मापी जा सकती है।
ये है संवेदनशील/अतिसंवेदनशील:
उल्लेखनीय है कि जिला स्तर एवं तेघड़ा अनुमंडल स्तर पर विभागीय रिपोर्ट के अनुसार चिह्नित संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील स्थलों में अति संवेदनशील स्थलों में मधुरापुर निपनियां, गुप्ता लखमिनियां, विसौआ जमींदारी बांध का झमटिया, बेगमसराय, रानी, रातगांव, विनलपुर, कसवा रूपनगर में विषहरी स्थान तटबंध शामिल है. जबकि संवेदनशील स्थलों में मधुरापुर लैंड स्पर-1, मधुरापुर लैंड स्पर 2, टी बाध, जयनगर लैंड स्पर, रूपनगर, चकिया स्लूइस आदि स्थानों का तटबंध घोषित हैं।
प्रशासनिक स्तर पर अगर समय रहते इन कटे एवं क्षतिग्रस्त तटबंधों में मिट्टी डालकर कर मरम्मती नहीं की गई तो आसपास के रिहायशी इलाकों को बाढ़ का दंश झेलने से कोई नहीं रोक सकता है।
क्या कहते हैं अधिकारी: