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सदन में मेरे द्वारा मुद्दा उठाने के बाद आखिरकार नीतीश कुमार को 20 साल बाद आई पूर्णिया की याद : पप्पू यादव

बिहार के 14 करोड़ लोगों की रक्षा और देश में नफरत के खिलाफ सांसद पप्पू यादव छठ के बाद निकालेंगे राज्यव्यापी संकल्प यात्रा। सदन में मेरे द्वारा मुद्दा उठाने के बाद आखिरकार नीतीश कुमार को 20 साल बाद आई पूर्णिया की याद : पप्पू यादव। एससी एसटी क्रिमिलेयर, अग्निवीर योजना, आरक्षण, वक्फ बोर्ड और विशेष राज्य का दर्जा के लिए जारी रहेगी लड़ाई : पप्पू यादव। भाजपा को है राहुल गांधी का फोबिया और डर : पप्पू यादव। 

पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन और पप्पू यादव ने आज पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिहार के 14 करोड लोगों की रक्षा के साथ देश में सत्ता पक्ष के द्वारा फैलाई जा रहे नफरत के खिलाफ छठ पूजा के बाद संकल्प यात्रा निकालने की बात कही। पप्पू यादव ने चुनाव जीतने के ढाई महीने बाद प्रदेश के अपने साथियों के साथ आज पटना में बैठक की। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि मैं पूर्णिया और बिहार की जनता के लिए काम करने को समर्पित हूँ। यही वजह है कि मैं लगातार सदन में पूर्णिया के विकास एयरपोर्ट आदि का मद्दा उठाया। आखिरकार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी पूर्णिया की याद 20 साल बाद आ ही गई और वह भले अपने प्रोटोकॉल में संसद को नहीं रखते होंगे, लेकिन यह पूर्णिया की जनता की जीत है कि आज बिहार के मुख्यमंत्री को पूर्णिया जाना पड़ा।

आने वाले दिनों में बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर पप्पू यादव ने स्पष्ट कर दिया कि उनकी विचारधारा कांग्रेस और राहुल गांधी से मिलती है। इसलिए उनका समर्थन कांग्रेस को जारी रहेगा। पप्पू यादव ने यह भी कहा कि आगामी जम्मू कश्मीर हरियाणा झारखंड आदि राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी उनका समर्थन कांग्रेस और गठबंधन को रहेगा। इसके अलावे उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान देश के गृह मंत्री से भी सवाल पूछे। उन्होंने देश के किसानों, अग्निवीर योजना, आरक्षण, और युवाओं के रोजगार के मुद्दों पर सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि “किसान मरने के बाद आपने क्या किया?” “अग्निवीर योजना के वादे कहां गए?” “देश के युवाओं को नफरत की आग में क्यों झोंक रहे हैं?” “आरक्षण को हटाकर बैकडोर से देश के 124 करोड़ लोगों पर हमला क्यों किया जा रहा है?”

पप्पू यादव ने एससी-एसटी क्रीमी लेयर का भी मामला उठाया और लैटरल एंट्री के सरकार के नीति का भी जमकर विरोध किया। इसके अलावा उन्होंने केंद्र सरकार के बजट में बिहार को मिले 59000 करोड रुपए को बिहार की रॉयल्टी बताया और कहा कि इस पर खुश होने वाले लोग जनता को यह बताएं कि दूसरे राज्यों को लाखों करोड़ रुपए देने वाली सरकार ने बिहार को क्या दिए? पप्पू यादव ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और पूर्णिया कोशिश सीमांचल मगध को विशेष पैकेज मिलना चाहिए जिसकी लड़ाई हम सदन से सड़क तक लड़ रहे हैं और यह हमारा हक है जो केंद्र सरकार को देना ही पड़ेगा। लेकिन आज डबल इंजन के सरकार के लोग अपने हक की मांग क्यों नहीं कर रहे हैं, यह उन्हें बताना चाहिए?

पप्पू यादव ने कोलकाता रेप और बिहार में अपराध की बढ़ती घटनाओं को लेकर भी नाराजगी जाहिर की और कहा कि डॉक्टर के रेप ममले में अस्पताल के लोगों की ही भूमिका संदिग्ध है। ऐसे में हमने उसे बंद का विरोध किया था, जिसमें कई निर्दोष लोगों की जान चली गई। हमने ना आईएमए का विरोध किया और ना ही डॉक्टरों का। वही आईएमए ने सुप्रीम कोर्ट के आर्डर को भी नहीं माना। पप्पू यादव ने कहा कि बिहार की 14 करोड़ जनता असुरक्षित है और सत्ता पक्ष मेरा गुंडा तेरा गुंडा करने में अपनी राजनीतिक हित साथ रहे हैं इसके खिलाफ हम और हमारे साथी संघर्ष को तैयार हैं।

पप्पू यादव ने बिहार में पूर्णिया एयरपोर्ट के अलावा मुजफ्फरपुर रक्सौल और भागलपुर में भी एयरपोर्ट बनाने की मांग की और साथ ही उन्होंने सहरसा में एम्स और पूर्णिया को उप राजधानी बनाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि इन सब मामलों को उन्होंने 20 दिन के सदन में कई बार उठा और सरकार का ध्यान इस और आकृष्ट कराया। पप्पू यादव ने बताया कि उन्होंने आज इमारतें सरिया में विभिन्न इदारा के ओहदेदारों से मुलाकात की, उन्होंने वक्फ बोर्ड कानून पर भी सवाल उठाया कि बिना अल्पसंख्यकों को शामिल किए कानून कैसे बन सकता है? उन्होंने कहा कि यह जाति और धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश है। इस दौरान वहां इमारते शरिया के मौलाना शिब्ली कासमी साहब, जनाब फहद रहमानी साहब, जमीअत उलेमा बिहार (अरशद) के सचिव डॉ अनवारूल होदा साहब, जमीअत उलेमा बिहार (महमूद) के मौलाना नाजिम कासमी साहब, जमीअत इस्लामी बिहार के जनाब कमर वारसी साहब, जनाब जियाऊल कमर साहब, जनाब शौकत अली साहब, बिहार मोमिन कांफ्रेंस के जनाब मौलाना अबुल कलाम कासमी साहब और इमारते शरिया के अन्य ओहदेदार मौजूद थे।

पप्पू यादव ने कहा कि “वक़्फ़ बोर्ड संशोधन बिल” हो या अल्पसंख्यक समाज के दूसरे अन्य मुद्दे, हमने हमेशा उसके लिए संघर्ष किया है और आगे भी करते रहेंगे। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम समाज के हक़ के लिए खड़े रहें और इसके लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

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