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बिहार की सियासत के बाद अब केन्द्र की सत्ता पर भी राज करेंगे जीतन राम मांझी

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार शाम राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रधानमंत्री मोदी और 30 कैबिनेट मंत्रियों, स्वतंत्र प्रभार वाले पांच राज्य मंत्रियों और 36 राज्य मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई है। नरेंद्र मोदी के साथ, राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण और जेपी नड्डा सहित बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने कैबिनेट मंत्रियों के रूप में शपथ ली। नरेंद्र मोदी की नई सरकार में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के संस्थापक जीतन राम मांझी को भी कैबिनेट मंत्री बनाया गये है। जीतन राम मांझी मोदी कैबिनेट के सबसे बुज़ुर्ग मंत्री हैं।

हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और लोकसभा सांसद जीतन मांझी बिहार के उन मुख्यमंत्रियों की सूची में शामिल हो गये हैं, जो केन्द्र की सरकार में मंत्री बनाये गये हैं। आजादी के बाद बिहार में अबतक 23 मुख्यमंत्री बने। इनमे कृष्ण सिंह, दीप नारायाण सिंह, बिनोदानंद झा, कृष्ण बल्लभ सहाय, महामाया प्रसाद सिन्हा, सतीश प्रसाद सिंह, बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल, भोला पासवान शास्त्री, हरिहर सिंह, दारोगा प्रसाद राय, कर्पूरी ठाकुर, केदार पांडेय, अब्दुल गफूर, जगन्नाथ मिश्रा,  सुंदर दास, चंद्रशेखर सिंह, बिंदेश्वरी दुबे, भागवत झा आजाद, सत्येन्द्र नारायण सिंह, लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, नीतीश कुमार और जीतन मांझी शामिल हैं। इनमें से केदार पांडेय, अब्दुल गफूर, चंद्रशेखर सिंह, बिंदेश्वरी दुबे, जगन्नाथ मिश्रा, भागवत झा आजाद, लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार केन्द्र सरकार में मंत्री बनाये गये थे। जीतन राम मांझी भी अब केन्द्र सरकार मे मंत्री बन गये है।

मांझी का राजनीतिक सफर करीब 44 साल लंबा रहा है। वह 1980 से बिहार विधानसभा के सदस्य रहे हैं। वह कई राजनीतिक दलों-कांग्रेस (1980-1990 तक), जनता दल (1990-1996), राष्ट्रीय जनता दल (1996-2005) और जद (यू) (2005-2015) से जुड़े रहे। इन राजनीतिक दलों के बिहार में सत्ता में रहने के दौरान मांझी विभिन्न मंत्री पद संभाल चुके हैं। इमामगंज (सु) के विधायक जीतन मांझी ने गया (सु) सीट से चुनाव जीता है। उन्होंने राजद प्रत्याशी बोधगया (सु) के विधायक कुमार सर्वजीत को 101812 मतों के अंतर से पराजित कर दिया। मांझी का बिहार की राजनीति में लंबा अनुभव रहा है, लेकिन उनका एक सपना था दिल्ली के लोकसभा जाने का जो अब पूरा हो गया है। मांझी ने गया (सु) सीट से चौथी बार लोकसभा का चुनाव लड़ा था। जीतन राम मांझी ने वर्ष 1991, 2014 और 2019 में लोकसभा का चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हर बार पराजय का सामना करना पड़ा था। इस बार जीतन राम मांझी ने बाजी अपने नाम कर ली और न सिर्फ पहली बार संसद पहुंचने में सफल रहे बल्कि करीब 80 साल की उम्र में नरेन्द्र मोदी की सरकार में कैबिनेट मंत्री बनने में भी कामयाब रहे।

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