HomeEducationमुजफ्फरपुर से पटना तक…सरकार बसाएगी शिक्षा के नए घर

मुजफ्फरपुर से पटना तक…सरकार बसाएगी शिक्षा के नए घर

बिहार में पीएम-AJAY योजना के तहत 10 नए छात्रावासों के निर्माण को मिली मंजूरी। बिहार के दलित-आदिवासी बच्चों को शिक्षा का मजबूत सहारा! 10 नए छात्रावास मंजूर। SC-ST छात्रों के लिए 10 छात्रावास निर्माण मंजूर, मुजफ्फरपुर में बनेंगे 4। SC-ST छात्रों की पढ़ाई अब नहीं रहेगी अधूरी, बिहार में बनेंगे 10 नए छात्रावास। मुजफ्फरपुर से पटना तक…सरकार बसाएगी शिक्षा के नए घर! SC-ST छात्रों भविष्य होगा रोशन। बिहार में दलित-आदिवासी बच्‍चे के भविष्‍य संवारेगी सरकार, 10 नए छात्रावास मंजूर

पटना: बिहार में पढ़ाई करने वाले दलित और आदिवासी छात्रों के लिए अब शिक्षा का रास्ता और आसान होने जा रहा है। राजधानी पटना में आयोजित प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (PM–AJAY) की राज्य स्तरीय योजना मूल्यांकन-सह-अभिसरण समिति की बैठक में बड़ा फैसला लिया गया है। बैठक में 10 नए छात्रावासों के निर्माण को स्वीकृति दे दी गई है।

मुजफ्फरपुर को सबसे ज्‍यादा फायदा

अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग की ओर से लिए गए इस फैसले से सबसे ज्यादा फायदा मुजफ्फरपुर, पटना, दरभंगा, बेगूसराय, बक्सर और खगड़िया के बच्चों को मिलेगा। विभाग की ओर से मुजफ्फरपुर में 4, पटना में 2 और बाकी जिलों में 1-1 छात्रावास बनाए जाएंगे।

किन जिलों को मिले कितने छात्रावास!

  • मुजफ्फरपुर – 4 नए छात्रावास
  • पटना – 2 नए छात्रावास
  • दरभंगा – 1 नया छात्रावास
  • बेगूसराय – 1 नया छात्रावास
  • बक्सर – 1 नया छात्रावास
  • खगड़िया – 1 नया छात्रावास

छात्रों के लिए शिक्षा का मजबूत आधार

सरकार दलित आदिवासी और पिछड़े समाज के बच्‍चों के भविष्‍य को बेहतर बनाना चाहती है। राज्‍य सरकार का मानना है कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के ज्‍यादातर प्रतिभाशाली बच्चे सिर्फ रहने की सुविधा न मिलने के कारण पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते हैं। इस फैसले से न सिर्फ हजारों छात्रों को छत और सुरक्षा मिलेगी, बल्कि पढ़ाई का माहौल भी तैयार होगा।

सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक

अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के सचिव की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में यह निर्णय लिया गया। योजना के तहत राज्य भर में शिक्षा से जुड़े और भी कदम उठाने पर जोर दिया गया है। बैठक में विभाग के निदेशक, अपर सचिव, उप निदेशक (मुख्यालय), विभिन्न विभागों के वरीय पदाधिकारी एवं नोडल अधिकारी मौजूद थे। वहीं, संबंधित जिलों के जिला कल्याण पदाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी जुड़े। यह फैसला न सिर्फ राजधानी पटना बल्कि पूरे बिहार के लिए शिक्षा के क्षेत्र में नए अध्याय की शुरुआत है।

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