एशियाई महिला हॉकी चैंपियनशिप, राजगीर में दस्तक देगा अंतर्राष्ट्रीय हॉकी का जलवा, कल मलेशिया के साथ टीम इंडिया का पहला मुकाबला।
बिहार के ऐतिहासिक नगर राजगीर में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय स्तर की हॉकी प्रतियोगिता की मेजबानी होने जा रही है। राजगीर खेल अकादमी में आयोजित एक प्रेस वार्ता में भारतीय महिला हॉकी टीम के मुख्य कोच हरेंद्र सिंह और टीम की कप्तान सलिमा टेटे ने एशियाई महिला हॉकी चैंपियनशिप की तैयारियों को लेकर विस्तृत जानकारी साझा की।
कोच हरेंद्र सिंह ने कहा की यह बिहार के लिए ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा की गई विश्वस्तरीय व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए बताया कि राजगीर का खेल परिसर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खेल केंद्रों में से एक है। विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि अंतिम मैच में दर्शकों को फ्लडलाइट्स के तहत खेल का आनंद लेने का अवसर मिलेगा।
टीम की कप्तान सलिमा टेटे ने भावुक होते हुए कहा, “झारखंड के सिमडेगा से बुद्ध की धरती राजगीर तक का सफर मेरे लिए अविश्वसनीय रहा है। एक छोटे से गांव की बेटी का भारतीय हॉकी टीम की कप्तानी तक पहुंचना देश की युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। प्रतियोगिता 11 नवंबर से शुरू हो रही है, जिसमें भारतीय टीम का पहला मुकाबला मलेशिया से होगा। टीम के तकनीकी पक्ष को लेकर कोच हरेंद्र सिंह ने पूरा भरोसा जताया और कहा कि खिलाड़ियों ने कड़ी मेहनत की है।
इस अवसर पर कप्तान ने बताया कि सभी तैयारियों की बारीकी से समीक्षा की गई है और किसी भी तरह की कमी नहीं रहने दी जाएगी। प्रत्येक खिलाड़ी अपना पूरा एफर्ट लगाएंगे। यह टूर्नामेंट न केवल भारतीय महिला हॉकी के लिए बल्कि बिहार के खेल इतिहास में भी एक नया अध्याय जोड़ने जा रहा है।
राजगीर की इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में भारतीय टीम का लक्ष्य स्पष्ट है – एशियाई चैंपियनशिप ट्रॉफी जीतकर देश का नाम रोशन करना। कप्तान सलिमा टेटे के नेतृत्व में टीम इंडिया इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूरी तरह तैयार है।