बिहार में आई भीषण बाढ़ के मद्देनजर, टाटा समूह की कंपनी जैमीपोल लिमिटेड ने अमूर्त ग्लोबल और Lakshya के सहयोग से सहरसा जिले में एक व्यापक बाढ़ राहत अभियान की शुरुआत की है। इस राहत प्रयास का उद्देश्य 2,000 प्रभावित परिवारों को खाद्य सामग्री, स्वच्छता उत्पादों और सुरक्षात्मक वस्तुओं से युक्त आवश्यक सामग्री प्रदान करना है। अमूर्त ग्लोबल ने अपनी समर्पित सहरसा टीम के माध्यम से बाढ़ से प्रभावित सबसे कमजोर समुदायों की पहचान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके व्यापक स्थानीय नेटवर्क और आपदा प्रबंधन में अनुभव ने यह सुनिश्चित किया कि सहायता वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचे। संगठन पिछले दो दशकों से बिहार में सक्रिय रूप से काम कर रहा है, जिसमें सतत विकास कार्यक्रमों और आपातकालीन राहत कार्यों का क्रियान्वयन शामिल है। राहत पैकेज में दाल, चावल, सरसों का तेल, पोहा और गुड़ जैसी महत्वपूर्ण खाद्य सामग्री के साथ-साथ सैनिटरी पैड, मच्छर भगाने वाले उत्पाद, साबुन और मास्क जैसी आवश्यक स्वच्छता वस्तुएं शामिल हैं। यह पहल बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जैमीपोल की निरंतर प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
पहल के स्थानीय समन्वयक अरुणाभ कुमार ने कहा, “सामग्री की खरीद और वितरण प्रक्रिया की रणनीतिक योजना अधिकतम प्रभाव सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई थी। अमूर्त की ग्राउंड टीम के साथ मिलकर काम करने से हम सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों की पहचान कर सके और वहां तक पहुंच सके, यह सुनिश्चित करते हुए कि सहायता उन लोगों तक पहुंचे जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता थी।”
जैमीपोल की सीएसआर एवं स्वयंसेवी समिति के चंदन सिंह ने कहा, “यह सहयोगात्मक प्रयास संकटग्रस्त समुदायों की सहायता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। अमूर्त ग्लोबल और मेदांता लैब्स जैसे अनुभवी संगठनों के साथ साझेदारी करके, हम सबसे अधिक जरूरतमंद लोगों तक सहायता के कुशल वितरण को सुनिश्चित कर रहे हैं।” इस पहल का समन्वय लक्ष्य द्वारा किया जा रहा है, जो आपदा राहत कार्यों में 18 वर्षों के अनुभव वाला एक पंजीकृत गैर-सरकारी संगठन है। पूर्व में, लक्ष्य ने विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के दौरान 50,000 से अधिक लोगों की सहायता की है, जिसमें दिल्ली में 2023 की यमुना बाढ़ और 2020 की गुवाहाटी बाढ़ शामिल हैं।