HomeEditorial / Openion / Viewsपुलिस अधीक्षक, सारण की कलम से: तीन नये आपराधिक कानूनों को ले...

पुलिस अधीक्षक, सारण की कलम से: तीन नये आपराधिक कानूनों को ले बनें जागरुक- डॉ० कुमार आशीष

01 जुलाई 2024 से लागु होने वाले तीन नए अपराधिक कानून में हुए महत्वपूर्ण बदलाव एवं कानुनी अधिकार से नागरिकों को अवगत कराने हेतु दि 1 जुलाई को सभी थाना क्षेत्रों मे जागरूकता कैम्प आयोजित की जायेगी।

भारतीय संसद से पारित न्याय पर केन्द्रित तीनों नए अपराधिक कानुन को जिले में प्रभावी ढंग से लागु करने के लिए सारण पुलिस पुरी तरह से तैयार है। जिले के सभी पुलिस पदाधिकारियों को नए कानुनों में हुए बड़े बदलावों से जुड़ी ट्रेनिंग दी जा चुकी है। नए कानुन में डिजिटल तौर पर प्राथमिकी, नोटिस, सम्मन, ट्रायल, रिकॉर्ड, फॉरेंसिक, केस डायरी एवं बयान आदि को संग्रहित किया जाएगा। तलाशी और जप्ती के दौरान वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी के लिए जिला पुलिस के सभी अनुसंधानकर्ताओं को लॅपटॉप और मोबाईल उपलब्ध कराये जायेंगे। प्रत्येक थानों को नए उपकरणों के साथ आधुनिकीकरण करते हुये हर थाने में वर्क स्टेशन, डाटा सेंटर, अनुसंधान हॉल, रिकॉर्ड रूम एवं पुछताछ कक्ष का जल्द ही निर्माण होगा।

नए अपराधिक कानुन को नागरिक केन्द्रित बनाने की दिशा में पहल करते हुये पीड़ित व्यक्ति को प्राथमिकी की निःशूल्क प्रति उपलब्ध कराने, कहीं से भी प्राथमिकी दर्ज कराने, पीड़ित को 90 दिनों के अंदर जॉंच की प्रगति के बारे मे सूचना उपलब्ध कराने, महिला अपराध की स्थिति में 24 घंटे के अंदर पीड़िता की सहमति से उसकी मेडिकल जॉंच कराकर चिकित्सक द्वारा 07 दिन के अंदर उसका मेडिकल रिपोर्ट भेजने एवं कानूनी जांच, पूछताछ और मुकदमे की कार्यवाही को इलेक्ट्रॉनिक रूप से आयोजित करने का प्रावधान किया गया है तथा अभियोजन पक्ष की मदद के लिए नागरिकों को खुद का कानुनी प्रतिनिधित्व करने का अधिकार प्रदान किया गया है।

न्याय प्रणाली में टेक्नोलॉजी पर जोर देते हुये क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के सभी चरणों का डिजिटल रूपांतरण किया गया है, जिसमें ई-सम्मन, ई-नोटिस, इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज प्रस्तुत करने, ई-ट्रॉयल आदि शामिल है। पीड़ित व्यक्ति ई-बयान दे सकते है एवं इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से गवाहों, अभियुक्तों, विशेषज्ञों और पीड़ितों की उपस्थिति के लिए e-Appearance की शुरूआत की गई है। इस कानुन के अनुसार तलाशी और जप्ती की वीडियोग्राफी की जाएगी।

महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले अपराध से निपटने के लिए नए अपराधिक कानुनों में 37 धाराओं को शामिल करते हुये पीड़ित और अपराधी दोनो के संदर्भ में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों को जेंडर न्यूट्रल बनाया गया है। 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की के साथ सामुहिक बलात्कार होने पर दोषी को आजीवन कारावास या मृत्यूदंड की सजा का प्रावधान किया गया है एवं झुठे वादे या नकली पहचान के आधार पर यौन शोषण किये जाने को अपराधिक कृत्य के रूप मे परिभाषित किया गया है। चिकित्सकों के लिए अब 07 दिनों के अंदर बलात्कार पीड़िता का मेडिकल रिपार्ट देना अनिवार्य हो जाएगा।

अपराध एवं दंड को नए तरीके से परिभाषित करते हुये छीनाझपटी को गंभीर एवं गैर-जमानती अपराध बनाया गया है एवं अब देश की एकता, अखंडता, संप्रभुता, सुरक्षा व आर्थिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने हेतु किये गये कृत्यों को आतंकवादी गतिविधि मानी जाएगी तथा मॉब लिंचिंग करने पर अब दोषियों को मृत्यूदंड की सजा मिलेगी।

त्वरित न्याय के लिए तय समय सीमा के अंदर न्याय दिलाने हेतु भारतीय न्याय संहिता में 45 धाराओं को जोड़ा गया है। किसी भी मामले पर पहली सुनवाई शुरू होने के 60 दिनों के अंदर आरोप तय किये जायेंगे एवं आरोप तय होने के 90 दिन बाद घोषित अपराधियों की अनुपस्थिति में भी कानूनी कार्यवाही शुरू हो जायेगी।

01 जुलाई 2024 से लागु होने वाले तीन नए अपराधिक कानून में हुए महत्वपूर्ण बदलाव एवं कानुनी अधिकार से नागरिकों को अवगत कराने हेतु दिंo-01.07.24 को सारण जिले के सभी थाना क्षेत्रों मे जागरूकता कैम्प आयोजित की जायेगी।

जिलावासियों से अनुरोध है कि दिंo-01.07.24 को अपने-अपने थाना में आयोजित जागरूकता कैम्प का हिस्सा बनें एवं अपने अधिकारों एवं कानुन में हुए महत्वपूर्ण बदलावों से अवगत होकर जिला पुलिस का सहयोगी बनें।
सारण पुलिस
आपकी सेवा में सदैव तत्पर।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments