नई दिल्ली, 04 सितंबर, 2025 – भारत ने खेलों में डोपिंग रोधी प्रयासों को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ी सफलता हासिल की है। भारतीय वैज्ञानिकों ने एक दुर्लभ और उच्च गुणवत्ता वाली संदर्भ सामग्री (Reference Material) ‘मेथेनडिएनोन लॉन्ग टर्म मेटाबोलाइट’ (Methandienone Long Term Metabolite – LTM) को सफलतापूर्वक विकसित किया है। यह पदार्थ दुनिया में व्यावसायिक रूप से उपलब्ध नहीं है और अब भारत इसकी आपूर्ति कर सकेगा, जिससे वैश्विक डोपिंग रोधी प्रयासों को एक नई दिशा मिलेगी।
एनडीटीएल और नाइपर, गुवाहाटी का सहयोग
यह महत्वपूर्ण विकास राष्ट्रीय औषधि शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (NIPER), गुवाहाटी और राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला (NDTL), नई दिल्ली के संयुक्त सहयोग से संभव हुआ है। इस संदर्भ सामग्री का उद्घाटन आज नई दिल्ली में NDTL की 22वीं शासी निकाय बैठक में केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री, तथा श्रम और रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने किया।
संदर्भ सामग्री क्या है?
संदर्भ सामग्री (RM) किसी भी पदार्थ या उसके मेटाबोलाइट का सबसे शुद्ध और वैज्ञानिक रूप से विशिष्ट स्वरूप होता है। डोपिंग रोधी परीक्षण में, इनका उपयोग 450 से अधिक प्रतिबंधित पदार्थों का पता लगाने के लिए किया जाता है। इनकी विशिष्टता के कारण, ये दुनिया भर में केवल 4-5 निर्माताओं द्वारा ही बनाए जाते हैं, जिससे ये दुर्लभ और महंगे होते हैं।
मेथेनडिएनोन एलटीएम की विशिष्टता
यह नई संदर्भ सामग्री, ‘मेथेनडिएनोन एलटीएम’, उन एथलीटों का पता लगाने में महत्वपूर्ण है जिन्होंने महीनों या वर्षों पहले मेथेनडिएनोन का उपयोग किया हो, क्योंकि यह लंबे समय तक मूत्र के माध्यम से शरीर से बाहर निकलता है। इस खोज से सकारात्मक डोप परीक्षणों की संख्या में वृद्धि होगी, जिससे मेथेनडिएनोन जैसे एनाबॉलिक स्टेरॉयड के उपयोग पर विचार करने वाले एथलीटों को हतोत्साहित करने में मदद मिलेगी।
भारत का वैश्विक योगदान
NDTL और नाइपर-गुवाहाटी मिलकर 22 ऐसी दुर्लभ संदर्भ सामग्री विकसित करने पर काम कर रहे हैं, जो व्यावसायिक रूप से उपलब्ध नहीं हैं। 2020 से, नाइपर, गुवाहाटी ने 12 आरएम का संश्लेषण किया है और उन्हें NDTL को प्रदान किया है, जिसमें ‘मेथेनडिएनोन एलटीएम’ सबसे नया है।
इस नई सामग्री को विश्व डोपिंग रोधी समुदाय में भारत के योगदान के रूप में, विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (WADA) से मान्यता प्राप्त सभी 30 प्रयोगशालाओं के साथ साझा किया जा सकता है। यह विकास भारत को खेलों में पारदर्शिता और ईमानदारी को बढ़ावा देने में एक प्रमुख भूमिका निभाने में मदद करेगा।