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भूमि पहचान में लांगिट्यूड- लैटिट्यूड का उपयोग और अभिलेखों के डिजिटलीकरण पर जोर

छपरा, 28 मई: डीएम अमन समीर की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण ‘जिला स्कोर’ बैठक संपन्न हुई, जिसमें सारण जिले के सभी निबंधन कार्यालयों के अवर निबंधक और जिला अवर निबंधक उपस्थित रहे। बैठक में कंप्यूटराइज्ड निबंधन व्यवस्था की गहन समीक्षा की गई, जिसमें जिलाधिकारी ने कई अहम निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने दस्तावेजों में भूमि की श्रेणी निर्धारित करने के लिए तकनीक के अधिकतम उपयोग पर बल दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि भविष्य में भूमि की पहचान उसके रेखांश (longitude) और अक्षांश (latitude) के माध्यम से भी की जाए। इस पर जिला अवर निबंधक ने अवगत कराया कि पूर्व में दिए गए निर्देशों के अनुरूप, दस्तावेज में पक्षकारों द्वारा भूमि का रेखांश और अक्षांश संलग्न किया जा रहा है, जिसके आधार पर भी श्रेणी की जांच की जाती है।

बैठक में अभिलेखों की सुरक्षा और सत्यापन पर भी विशेष ध्यान दिया गया। सभी अवर निबंधकों को इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। बताया गया कि जिला निबंधन कार्यालय के पुराने जिल्दों का सत्यापन कार्य तेजी से चल रहा है और वर्ष 1938 तक के जिल्दों का सत्यापन लगभग पूरा कर लिया गया है। विशेष रूप से, अवर निबंधक, मशरक द्वारा सभी जिल्दों का सत्यापन सफलतापूर्वक करा लिया गया है और संबंधित सूची भी उपलब्ध करा दी गई है।

जिलाधिकारी ने यह भी सुनिश्चित किया कि सभी कार्यालयों के अभिलेखागार में पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जो अभिलेखों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं। जनसुविधा को ध्यान में रखते हुए, जिलाधिकारी ने वेटिंग रूम, स्वच्छ पेयजल और अलग काउंटरों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
अभिलेखों के स्कैनिंग के कार्य को भी प्राथमिकता दी गई। जिलाधिकारी ने सभी निबंधन पदाधिकारियों को इस कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया, ताकि अभिलेखों का डिजिटलीकरण समय पर पूरा हो सके। यह पहल निबंधन प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और कुशल बनाने में सहायक होगी।

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