पटना ऑब्स गायनी सोसायटी द्वारा दो दिवसीय ‘फोगसी नैशनल एडोलेसेंट हेल्थ कॉन्फ़्रेंस 2024’ का आयोजन। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने किया उद्घाटन, कहा – किशोरियों के स्वास्थ्य के लिए राज्य सरकार तत्पर।
पटना ऑब्स गायनी सोसायटी द्वारा 27 जुलाई को होटल मोर्या में ‘फोगसी नैशनल एडोलेसेंट हेल्थ कॉन्फ़्रेंस 2024’ का आयोजन किया गया। इसका उद्घाटन बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के द्वारा किया गया जहां उन्होंने अपने उद्घाटन भाषण में ‘फोगसी नैशनल एडोलेसेंट हेल्थ कॉन्फ़्रेंस 2024’ की सराहना की और कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की किशोरियों के स्वास्थ्य के लिए तत्पर है। इस दौरान उन्होंने इस कांफ्रेंस के आयोजकों से किशोरियों के बीच नियमित समय अंतराल पर जागरूकता कार्यक्रम चलाने का भी सुझाव दिया। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा हर महीने के 9 तारीख को घोषित किए गए मातृत्व सुरक्षा दिवस के अवसर पर निजी अस्पतालों में भी महिलाओं के लिए फ्री चैकअप की सुविधा सोशल जिम्मेदारी के तहत देने की अपील की। मंत्री ने सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए 10 से 18 वर्ष की किशोरियों के वैक्सीनेशन की भी बात कही और उन्होंने इस पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि वह इसके लिए राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी विचार विमर्श कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने बिहार में मातृ मृत्यु दर में आई कमी की भी जानकारी दी।
इससे पूर्व सम्मेलन का प्रारंभ इंडोस्कोपी वर्कशॉप से हुआ, जिसमें लेप्रोस्कोपी एवं हिस्टेरोस्कोपी द्वारा मायोमेक्टमी एवं वैजाइनोप्लास्टी जैसी सर्जरी नैशनल संकायों द्वारा दिखाई गई। अल्ट्रासाउंड वर्कशॉप का भी आयोजन किया गया, जिसमें किशोरियों को समय पर अल्ट्रासाउंड कर खतरों से बचाने के तरीकों पर चर्चा की गई। डॉ कुलदीप सिंह, जो अल्ट्रासाउंड के पायनियर माने जाते हैं, ने प्रशिक्षण दिया। इस अनूठे कॉन्फ़्रेंस का मुख्य उद्देश्य बिहार के स्त्री-रोग विशेषज्ञों को किशोरियों के स्वास्थ्य-संबंधी जानकारी देना था ताकि राज्य की किशोरियाँ स्वस्थ, शिक्षित एवं सुरक्षित रह सकें। भारत में विश्व में सबसे ज़्यादा किशोर 243 मिलियन हैं। आज की किशोरियाँ ही कल स्वस्थ महिलाएँ बनकर परिवार, समाज एवं राष्ट्र के विकास में सहायक बन सकेंगी ।
फोगसी प्रेसिडेंट डॉ जयदीप टंक ने अपने उद्घाटन भाषण में असुरक्षित सेक्स-संबंधी समस्याओं के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त की और ‘एडोलेसेंट कन्ट्रासेप्सन’ के बारे में विस्तृत जानकारी दी, ताकि अन्वांछित टीन एज प्रिगनेंसी से किशोरियों को बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि पाश्चात्य देशों की तरह आजकल भारत में असुरक्षित सेक्स-संबंधी समस्याएँ बढ़ रही हैं। फोगसी के सेक्रेटरी डॉ माधुरी पटेल ने ‘अब्नोरमल यूटेराइन ब्लीडिंग’ के बारे में बताया। फोगसी के पूर्व प्रेसिडेंट डॉ ऋषिकेश पाई ने किशोरियों में कैंसर होने पर उनकी प्रजननक्षमता के संरक्षण के उपायों की चर्चा की।
सम्मेलन में अन्य प्रमुख चर्चाओं में डॉ भास्कर पाल ने इंडोमेट्रयोसिस, डॉ महापात्रा ने किशोरियों में सर्जरी, डॉ अरूप माँझी ने ‘मुलेरियन अनोमली’ एवं डॉ अल्का पाण्डेय ने ‘प्रीकोशियस प्यूबर्टी’ के बारे में चर्चा की। किशोरियों में पीयर प्रेशर से होने वाली मानसिक समस्याओं पर भी विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। ‘ प्रीकोशियस प्यूबर्टी’ के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि किसी बच्ची के ब्रेस्ट का डेवलपमेंट 6-8 साल में शुरू हो जाता है या मासिक 8 साल के पहले शुरू हो जाता है । इस हालत में डॉक्टरों की सलाह लेनी चाहिए। किशोरियों में पीयर प्रेशर से होने वाली मानसिक समस्याओं पर भी विस्तारपूर्वक चर्चा हुई।
डॉ सुप्रिया जयसवाल ने बताया कि इस सम्मेलन का उद्घाटन सायं 6 बजे स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डे के कमलों द्वारा किया गया। इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम में डॉक्टरों द्वारा रंगारंग प्रस्तुतियाँ दी गईं। इस सम्मेलन की ऑर्गनाइजिंग चेयरपर्सन डॉ मीना सामंत एवं ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ सुप्रिया जयसवाल थीं। फोगसी प्रेसिडेंट डॉ जयदीप टंक, फोगसी सेक्रेटरी डॉ माधुरी पटेल एवं फोगसी वाइस प्रेसिडेंट डॉ निरजा भाटला मुख्य पथ-प्रदर्शक थे। अन्य प्रमुख सदस्य जिनमें रिसेप्शन कमिटी की अध्यक्ष डॉ मंजू गीता मिस्रा, नैशनल कोऑर्डिनेटर डॉ अनिता सिंह, कॉन्फ़्रेंस कोऑर्डिनेटर डॉ विनिता सिंह एवं डॉ प्रज्ञा मिस्रा चौधरी, साइंटिफिक कमिटी की अध्यक्ष डॉ आभा रानी सिंह, वर्कशॉप कमिटी की अध्यक्ष डॉ अल्का पांडेय, पब्लिक फ़ोरम की अध्यक्ष डॉ प्रमिला मोदी, ज्वाइंट ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ अमिता सिंहा, डॉ निभा मोहन, डॉ चारू मोदी, कल्चरल कमिटी की अध्यक्ष डॉ रेणु रहोतगी एवं प्रेस मिडिया की अध्यक्ष डॉ पूनम लाल शामिल थीं।