पटना: शारदीय नवरात्र का शुरू हो चुका है और इसके साथ ही शुरू हो गया है महापर्व का सिलसिला। दुर्गा पूजा के बाद दिवाली और छठ पर्व हो और बिहार से बाहर रहने वाले बिहारी अपने घर न आएं ऐसा तो संभव ही नहीं। तभी तो दुर्गा पूजा आते ही दूसरे राज्यों से बिहार आने वाली ट्रेनों में सीट मिलना मुश्किल हो जाता है। ट्रेन ही नहीं हवाई जहाज में भी टिकट मिलना मुश्किल हो जाता है और इसका परिणाम होता है टिकट के दाम आकाश में पहुंचने जैसा। दुर्गा पूजा, दिवाली और छठ पर्व को लेकर इस बार भी कुछ ऐसी ही स्थिति देखने को मिल रही है जब बिहार आने वाली ट्रेनों में सीट नहीं और हवाई जहाज का किराया मानो जेब पर भारी।
हालांकि बिहार में इस वर्ष चुनावी वर्ष है और इसके मद्देनजर केंद्र सरकार ने करीब 3000 से अधिक ट्रेनों के फेरे की घोषणा की है, विमान कंपनियों ने अतिरिक्त विमान परिचालन की घोषणा की है बावजूद इसके टिकट और टिकट के किराए में कोई गुंजाइश नजर नहीं आ रहा। आलम यह है कि दीवाली और छठ के समय बिहार आने वाले हवाई जहाजों का किराया तीन गुना तो छठ के बाद बिहार से वापस जाने वाली हवाई जहाजों का किराया 4 से 5 गुना तक महंगे मिल रहे।
इतना ही नहीं ट्रेनों में आरक्षण शुरू होने के चंद मिनट में ही टिकट वेटिंग और कुछ घंटों में नो रूम तक पहुंच जा रहा है। रेलवे अधिकारियों ने भी बताया कि जितनी स्पेशल या सामान्य ट्रेनें हैं सबमें टिकट की अब कोई गुंजाइश नहीं है। हां यात्रियों के लिए एक विकल्प अभी जरूर है लेकिन उसमें विरले ही सफल हो पाएंगे और वह तरीका है तत्काल टिकट का जो ट्रेन खुलने से 24 घंटे पहले लिए जा सकते हैं।