Reported by: Rishikesh Kumar
नालंदा: सावन के पवित्र महीने में राजगीर में कांवरियों की अभूतपूर्व भीड़ दिख रही है। भगवान भोलेनाथ को जल अर्पण करने वाले कांवरिया के लिए पौराणिक नगरी राजगीर का विशेष महत्व है। माना जाता है यहाँ 33 करोड़ देवी-देवताओं का है, जहाँ श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित करते हैं।
झारखंड के देवघर स्थित बाबा वैद्यनाथ धाम तक 105 किलोमीटर की कठिन पैदल यात्रा करने वाले कांवरिए जब लौटते हैं, तो उनका शरीर थकान से चूर होता है। ऐसे में राजगीर के गर्म कुंडों में स्नान उनके लिए वरदान साबित होता है।
राजगीर के गर्म जल कुंडों में डुबकी लगाने से न केवल कांवरियों की शारीरिक थकान दूर होती है, बल्कि वे आध्यात्मिक रूप से भी शुद्ध और ऊर्जावान महसूस करते हैं।
यह अनुभव उन्हें नवीन उत्साह और भगवान नारायण की कृपा से भर देता है। इस प्रकार, राजगीर कांवरियों की यात्रा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव बन जाता है, जहाँ वे अपनी आस्था को और दृढ़ करते हुए, शारीरिक और मानसिक रूप से पुनर्जीवित होकर अपने घरों को लौटते हैं।
राजगीर एक प्राचीन और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान है। यह शहर पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। राजगीर समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक माना जाता है।