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तेजस्वी यादव का सरकार पर हमला: “20 साल में जो नहीं हुआ, वो 20 महीने में कर दिखाएंगे”

पटना, 26 जून 2025: नेता प्रतिपक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने आज पटना के बापू सभागार में खचाखच भरे ‘छात्र-युवा संसद’ को संबोधित करते हुए मौजूदा सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “नीतीश कुमार को आपने 20 साल दिए, हमको बस 20 महीने दे दीजिए, जो काम 20 साल में नहीं हुआ, वह हम 20 महीने में कर के दिखाएंगे।”

तेजस्वी यादव ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और बिहार भर से आए छात्र व युवा प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार और कुशिक्षा से मुक्ति के लिए सरकार बदलने का आह्वान किया। इस अवसर पर उन्होंने 10 हजार युवाओं को कलम भेंट करते हुए कहा कि उनका काम सिर्फ सरकार बदलना नहीं, बल्कि बिहार को बदलना भी है। उन्होंने एक ‘नया बिहार’ बनाने के अपने संकल्प को दोहराते हुए अपनी 17 महीने की सरकार के कार्यों का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि अपनी सरकार के दौरान उन्होंने शिक्षा और शिक्षकों की गुणवत्ता पर जोर दिया, शिक्षक नियमावली में संशोधन कर परीक्षा के माध्यम से तीन लाख शिक्षकों की बहाली की, जिससे शिक्षक-छात्र अनुपात में सुधार हुआ। साथ ही, साढ़े चार लाख नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया गया और ड्यूटी से नदारद 700 से अधिक डॉक्टरों को बर्खास्त किया गया।

उन्होंने कहा कि युवजन को सिंचाई, दवाई, पढ़ाई, सुनवाई और कार्रवाई वाली सरकार चाहिए ताकि सबके साथ न्याय हो सके।

आरक्षण और नौकरियों पर सरकार को घेरा

तेजस्वी यादव ने वर्तमान सरकार को “शीत निष्क्रियता” में बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार “अचेत” हैं। उन्होंने जाति आधारित गणना के बाद 65 फ़ीसदी किए गए आरक्षण को डबल इंजन की सरकार द्वारा नौवीं अनुसूची में समय पर नहीं डलवाने पर सवाल उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि इसके चलते प्रक्रियाधीन साढ़े तीन लाख नौकरियों में वंचित वर्ग को बढ़े हुए आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है और “आरक्षणखोर भाजपा एवं आरक्षणखोर जदयू” द्वारा युवाओं के साथ हकमारी की जा रही है। उन्होंने सरकार को एक दिन का विशेष सत्र बुलाकर नया कानून बनाकर केंद्र को भेजने और आरक्षण की रक्षा करने की याद दिलाई।

शिक्षा के क्षेत्र में बड़े वादे

तेजस्वी यादव ने अपनी सरकार आने पर विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय और एजुकेशन सिटी बनाने का वचन दिया। उन्होंने घोषणा की कि उनकी सरकार परीक्षार्थियों से कोई फॉर्म शुल्क नहीं लेगी, साथ ही परीक्षार्थियों के आने-जाने का खर्च भी वहन करेगी। स्कूल में ड्रॉप आउट और यूनिवर्सिटी में सेशन लेट की समस्या को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने कहा कि वे शिक्षा का स्तर ऊपर उठाएंगे, समय पर परीक्षाएं होंगी और कोई पेपर लीक नहीं होगा। उन्होंने यह भी कहा कि विज्ञान, गणित और अंग्रेजी में कमजोर विद्यार्थियों को शिक्षक घर जाकर अतिरिक्त समय देकर पढ़ाएंगे। तेजस्वी ने भरोसा दिलाया कि वे सिस्टम को ऐसा दुरुस्त करेंगे कि बिहार के विश्वविद्यालयों से पढ़कर निकलने वाले लोग एक बार फिर से बड़े-बड़े पदों पर पहुंचेंगे, जो सिलसिला पिछले 20 साल से बाधित हुआ है। उन्होंने अवसर की समानता और व्यक्ति की गरिमा सुनिश्चित करने की बात कही।

‘भविष्योन्मुखी राजनीति’ पर जोर

कलम के महत्व को रेखांकित करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि लेखनी ज्ञान, विवेक और प्रज्ञा का प्रतीक है और इसके दम से देश और दुनिया में हम भविष्योन्मुखी राजनीति को बढ़ावा दे सकते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा, “हम नीतीश कुमार की तरह अतीत पर प्रलाप करने वाले लोग नहीं हैं। हम भविष्य की राह सजाएंगे और बिहार का चतुर्दिक विकास करेंगे। हम सरकार में आने पर कभी नहीं कहेंगे कि 2025 के पहले बिहार में कुछ था जी? बल्कि, हम 5 साल में इस प्रदेश को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे।”

अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं

तेजस्वी यादव ने अपनी 17 महीने की सरकार की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार नई सूचना प्रौद्योगिकी नीति, नई क्रीड़ा नीति और नई पर्यटन नीति लेकर आई। उन्होंने दावा किया कि 17 महीने में दुनिया की किसी सूबाई सरकार ने 5 लाख लोगों को सरकारी नौकरी नहीं दी होगी। उन्होंने कहा, “जिस चीज को नीतीश कुमार और भाजपा के लोग 20 साल से असंभव मान बैठे थे, उसे हमने संभव कर दिखाया।” उन्होंने बताया कि 17 महीने में 8 करोड़ पर्यटक बिहार आए, जो एक रिकॉर्ड है। इसके अलावा, 1 लाख 32 हजार पब्लिक हेल्थ काडर को नियुक्ति का रास्ता साफ किया गया, जिसे नीतीश कुमार ने कैबिनेट से पास नहीं होने दिया था। 76 हजार सरकारी कर्मियों की लंबित पदोन्नति को साकार रूप दिया गया और 26 हजार किलोमीटर सड़कें बनवाई गईं। उन्होंने टोला सेवक, विकास मित्र, तालीमी मरकज, पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने, आशा और ममता दीदी को प्रोत्साहित करने और आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका को राहत देने के लिए कदम उठाने की भी बात कही।

‘सामाजिक न्याय’ और ‘व्यवस्था परिवर्तन’ का संकल्प

तेजस्वी यादव ने अपने संबोधन के अंत में कहा कि उनका एक ही लक्ष्य है सभी वर्गों को साथ लेकर चलना, कमजोर पर विशेष निगाह रखना और किसी के साथ भेदभाव नहीं करना। उन्होंने युवाओं को अपनी शक्ति, गौरव और संचित कमाई बताया और कहा कि उनके बूते वे समाज का सर्वांगीण विकास करेंगे और “संपूर्ण व्यवस्था परिवर्तन” उनका लक्ष्य है। उन्होंने खुद को कर्पूरी ठाकुर और लालू प्रसाद के सामाजिक न्याय के सिद्धांत को मानने वाला बताया। उन्होंने कहा, “व्यक्ति का जीवन बदले, समाज की रचना बदले, व्यवस्था का मिजाज बदले, देश का ताना-बाना सुरक्षित रहे, आज भी हमारी यही लड़ाई है। हम लगातार सड़कों पर हैं, लोगों के दुख-दर्द में जा रहे हैं।”

इस छात्र युवा संसद की अध्यक्षता युवा राजद के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार यादव ने की और संचालन छात्र राजद के प्रदेश अध्यक्ष गगन कुमार ने किया। इस अवसर पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मंगनीलाल मंडल, महिला राजद की प्रदेश अध्यक्ष ऋतु जायसवाल, लोकसभा सांसद डॉ. मीसा भारती, राज्यसभा सांसद संजय यादव, कार्यालय प्रभारी मुकुंद सिंह, अनुसूचित जाति-जनजाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष साधु पासवान, पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. जयंत जिज्ञासु समेत बड़ी संख्या में युवा विधायक, विधान पार्षद व विभिन्न प्रकोष्ठों के प्रदेश अध्यक्ष व पार्टी पदाधिकारी मौजूद रहे। ये जानकारी चितरंजन गगन, प्रदेश प्रवक्ता, राजद बिहार ने दी।

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