लखनऊ: स्टार्टअप आईटी इंडस्ट्री इन्वेस्टर्स एवं नीति निर्माताओं का लखनऊ के ताज होटल में एसटीपीआई द्वारा आयोजित स्टार्टअप एवं इंडस्ट्री मीट एवं इन्वेस्टर कनेक्ट प्रोग्राम में एकत्रीकरण हुआ, जिसमें टेक्नोलॉजी, इन्नोवेशन, आपसी सहयोग एवं ग्रोथ थीम पर विभिन्न वक्ताओं द्वारा विचार साझा किए गए।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में गणमान्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता के रूप में यूपी के मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉक्टर जी एन सिंह, कल्याण सिंह कैंसर संस्थान के निदेशक प्रोफेसर एम एल बी भट्ट, उत्तर प्रदेश के आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग की विशेष सचिव नेहा जैन, उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक रवि रंजन, आईटी लखनऊ के निदेशक प्रोफेसर विनीत कंसल, बायो आर एक्स वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ डॉक्टर विशाल गांधी, एसटीपीआई लखनऊ के अपर निदेशक एवं प्रभारी अधिकारी डॉ प्रवीण कुमार द्विवेदी एवं एसटपीआई लखनऊ के अपर निदेशक अमित वर्मा उपस्थित रहे ।
स्वागत भाषण के दौरान डॉक्टर प्रवीण कुमार द्विवेदी ने एसटीपीआई द्वारा कार्यान्वित की जा रही विभिन्न योजनाओं एवं कार्यकलापों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि एसटीपीआई के पूरे देश में 68 केंद्र हैं, जिनमें से 60 केंद्र टियर 2 एवं टियर 3 शहरों में है, जिससे कि छोटे शहरों में भी आईटी में संतुलित क्षेत्रीय विकास हो सके एवं स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान किया जा सकें। एसटीपीआई पंजीकृत आईटी इकाइयों के द्वारा देश का वित्त वर्ष 2024-25 में 10.67 लाख करोड़ रुपए का सॉफ्टवेयर(आईटी/आईटीईएस) निर्यात दर्ज किया गया है एवं उत्तर प्रदेश से सॉफ्टवेयर निर्यात 47,887 करोड़ रुपए दर्ज किया गया। साथ ही एसटीपीआई द्वारा पूरे देश में 24 सेंटर आफ एंटरप्रेन्योरशिप भी स्थापित किए गए हैं जिनके माध्यम से 1,000 से अधिक स्टार्टअप्स को विभिन्न टेक्नोलॉजी डोमेन में सहयोग प्रदान किया जा रहा है।
इसी क्रम में लखनऊ में मेडटेक सेंटर से हेल्थटेक क्षेत्र के स्टार्टअप्स को प्रमोट किया जा रहा है। वर्तमान में 55 स्टार्टअप सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं एवं 17 पेटेंट भी फाइल किए गए हैं। स्टार्टअप इकोसिस्टम को फंडिंग अवसर, देश भर के 12 टियर-II एवं टियर-III स्थानों से एनजीआईएस (NGIS) नेक्स्ट जेनरेशन इनक्यूबेशन स्कीम के माध्यम से प्रदान किए गए हैं जिसमें 25 लख रुपए तक की सीड फंडिंग का सहयोग दिया जाता है। इस स्कीम में फंडिंग के अतिरिक्त मेंटरशिप, इन्वेस्टर कनेक्ट आदि सहयोग भी प्रदान किये जाते हैं एवं इस योजना का लाभ 686 स्टार्टअप्स ने प्राप्त किया है। लखनऊ एवं प्रयागराज केंद्र से 75 स्टार्टअप्स को एनजीआईएस योजना का लाभ दिया गया है। एसटीपीआई द्वारा स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए एक कम्युनिटी प्लेटफार्म सयुज भी विकसित किया गया है जिसके माध्यम से आपसी सहयोग, इवेंट्स एवं फंडिंग कनेक्ट का लाभ दिया जा रहा है।
आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स की विशेष सचिव नेहा जैन ने प्रदेश में हो रहे नीति निर्माण, आईटी विभाग द्वारा लिए जा रहे कदमों के बारे में बताया। डॉक्टर विशाल गांधी के द्वारा उत्तर प्रदेश में हो रहे हेल्थ टेक एवं मेडी इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में की लिए जा रहे इनिशिएटिव्स के बारे में विस्तार से बताया और साथ ही फार्मा क्षेत्र में भी अपार अवसरों से अवगत कराया। प्रोफेसर विनीत कंसल ने शिक्षा, इंडस्ट्री एवं गवर्नमेंट के आपसी सहयोग से स्टार्टअप इकोसिस्टम को बेहतर बनाए जाने हेतु सुझाव दिए एवं जॉब सीकर से जॉब क्रिएटर बनने के लिए प्रोत्साहित किया।
प्रोफेसर एमएलबी भट्ट द्वारा विभिन्न इमर्जिंग टेक्नोलॉजी में हो रहे इनोवेशन विशेष कर चिकित्सा क्षेत्र में, कैंसर क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका पर विचार व्यक्त किए एवं स्टार्टअप्स को रिस्पांसिबल AI के प्रयोग के बारे में बताया। रवि रंजन ने प्रदेश की स्टार्टअप, आईटी एवं ईएमसी पॉलिसी के बारे में बताया तथा यह भी आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार स्टार्टअप ईकोसिस्टम एवं आईटी के क्षेत्र के विकास हेतु हर प्रकार से प्रतिबद्ध है।
मुख्य वक्ता के रूप में मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉक्टर जी एन सिंह ने प्रदेश सरकार द्वारा निवेशको, स्टार्टअप एवं इंडस्ट्री के लिए 33 विभिन्न नीतियों के माध्यम से दिए जा रहे प्रोत्साहन के बारे में बताया गया एवं सरकार की प्राथमिकताओं के बारे में भी बताया। उत्तर प्रदेश को वर्ष 2047 तक 6 ट्रिलियन इकोनामी बनाए जाने हेतु स्टार्टअप एवं आईटी क्षेत्र की भूमिका पर विशेष महत्व दिया एवं एसटीपीआई के द्वारा किये जा रहे कार्यकलापों की सराहना करते हुए प्रदेश के सॉफ्टवेर निर्यात एवं स्टार्टअप इकोसिस्टम को और मजबूत किये जाने की बात कही। उद्घाटन सत्र में धन्यवाद ज्ञापन अमित वर्मा द्वारा किया। कार्यक्रम के अगले क्रम में स्टार्टअप्स ने इनोवेशन शो में प्रतिभा किया एवं इन्वेस्टर्स के सामने अपने प्रोडक्ट प्रेजेंट किये, जिन्हें इन्वेस्टर्स द्वारा फंडिंग अवसर प्रदान किये जाने हेतु परखा गया।