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संसद में झूठ बोल गए शिवराज, दिग्विजय सिंह ने बताया आदत से लाचार: कांग्रेस

कांग्रेस तथा आम आदमी पार्टी ने कहा है कि कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को लेकर सदन में गलत बयानी कर देश को गुमराह करने का काम किया है, इसलिए उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया जाएगा। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, रणदीप सिंह सुरजेवाला तथा आम आदमी पार्टी के   सिंह ने सोमवार को यहां संसद भवन परिसर में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) नहीं दिया गया है और किसान इसके लिए आंदोलन कर रहे हैं लेकिन सरकार ने इस बारे में गलत बयानी की है और गलत शपथ पत्र दाखिल किया है इसलिए उसके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया जाएगा।

दिग्विजय सिंह ने कहा, “सरकार झूठ बोलने की आदी है और अब किसानों को एमएसपी देने को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री छूट बोल रहे हैं। कृषि मंत्री को झूठ बोलने की आदत है और उनकी इस आदत को वह जानते हैं। कमलनाथ जी के नेतृत्व में मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने लगभग 37 लाख किसानों का कर्ज माफ किया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बयान भी आया था कि कांग्रेस के समय किसानों का कर्ज माफ हुआ है। लेकिन सदन में उन्होंने कहा कि कांग्रेस को जो मौका मिला, उसमें किसानों का कर्ज माफ नहीं किया गया। ये बिल्कुल झूठ है। इसका प्रमाण हमारे पास है, जो कल तक आप सभी को मिल जाएगा।” उन्होंने कहा “कृषि मंत्री को वह लम्बे समय से जानते हैं कि वह झूठ बोलते हैं। उन्होंने किसानों का कर्ज कभी माफ नहीं किया और कर्ज माफ करने का गलत दावा कर रहे हैं।”

आम आदमी पार्टी के सिंह ने कहा, “सदन की परंपरा रही है कि यदि कोई मंत्री किसी सदस्य का नाम लेता है तो उसे पूछने का अधिकार दिया जाता है। कृषि मंत्री ने उनका नाम लिया, दिग्विजय सिंह का नाम लिया और रणदीप सिंह सुरजेवाला का नाम लिया लेकिन उन्हें मंत्री से जवाब पूछने के अधिकार से वंचित किया गया।” कृषि मंत्री तथा मोदी सरकार किसानों को गुमराह कर रही है और खुद को किसानों का हितैषी बता रही है जो गलत है। मंत्री गलत जानकारी सदन को दे रहे हैँ। इसको लेकर विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया जाएगा।”

सुरजेवाला ने कहा, “मोदी सरकार का चाल, चरित्र और चेहरा किसान विरोधी है। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का ट्रैक रिकार्ड रायसेन और मंदसौर में किसानों के खून से होली खेलने का है लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि अब वह देश के कृषि मंत्री बन गए हैं। एक तरफ मोदी सरकार ने सदन में कहा कि वह किसान को लागत पर 50 प्रतिशत मुनाफा देंगी और कांग्रेस ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को कूड़े दान में डाल दिया था। दूसरी तरफ सरकार ने छह फरवरी 2015 में सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र देकर कहा कि किसान को लागत पर कभी भी 50 प्रतिशत मुनाफा नहीं दिया जा सकता और कांग्रेस ने स्वामीनाथन आयोग के 175 सिफारिशों को लागू कर दिया था।” उन्होंने कहा “ऐसे में सच क्या है और झूठ क्या है। यानी भाजपा सिर्फ लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। यह दर्शाता है कि इनकी सोच किसान विरोधी है। सरकार ने खुद कहा है कि उसने 23 में 21 फसल पांच प्रतिशत से ज्याद एमएसपी पर नहीं खरीदी है।” उन्होंने कहा “कृषि मंत्री ने सदन को गुमराह किया है और गलत बयान दिया है इसलिए विपक्षी दल उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लेकर आएगा। कृषि मंत्री का बयान कुछ कहता है और सरकार का शपथ पत्र और ही कुछ कहता है, इसलिए विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया जाएगा।”

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