छपरा 24 दिसम्बर 2025। सारण के बहुचर्चित रसूलपुर तिहरे हत्याकांड में न्याय की नींव मजबूत करने वाली फोरेंसिक विशेषज्ञ रत्ना रामा का योगदान आज पुलिस और न्यायिक जगत में सराहना का विषय बना। वैज्ञानिक साक्ष्यों के सटीक विश्लेषण और समयबद्ध रिपोर्टिंग के जरिए उन्होंने न केवल अपराध की परतें खोलीं, बल्कि दोषियों को सजा तक पहुँचाने में निर्णायक भूमिका निभाई।
घटना की जांच के दौरान गठित विशेष जांच दल (SIT) को फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी के माध्यम से मिले डीएनए और बायोलॉजिकल साक्ष्य अभियोजन के लिए मजबूत आधार बने। रत्ना रामा द्वारा तैयार की गई वैज्ञानिक रिपोर्ट के कारण घटना के समय पहने गए वस्त्रों और प्रयुक्त हथियार को सीधे अभियुक्तों से जोड़ा जा सका। इसका परिणाम यह रहा कि मात्र डेढ़ माह में त्वरित विचारण संपन्न हुआ और माननीय न्यायालय ने दोनों अभियुक्तों को आजीवन कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया।
उनके इसी उल्लेखनीय और पेशेवर योगदान के लिए बिहार पुलिस वार्षिक पारितोषिक समारोह 2025 में ₹6000 की राशि एवं प्रशस्ति पत्र से उन्हें सम्मानित किया गया। आज वरीय पुलिस अधीक्षक डॉ. कुमार आशीष ने स्वयं उन्हें प्रशस्ति पत्र प्रदान कर उनके कार्य की सराहना की।
रत्ना रामा का यह सम्मान इस बात का प्रतीक है कि आधुनिक पुलिसिंग में फोरेंसिक विज्ञान केवल तकनीक नहीं, बल्कि न्याय तक पहुँचने का सबसे भरोसेमंद माध्यम बन चुका है।



