विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (आईवाईडी) के राष्ट्रव्यापी समारोह का नेतृत्व किया। इस अवसर पर उन्होंने समुद्र तट पर आयोजित कॉमन योग प्रोटोकॉल (सीवाईपी) सत्र में भाग लिया, जिसमें अनुमानित 5 लाख लोगों ने हिस्सा लिया। यह कार्यक्रम पूरे देश में 3.5 लाख से अधिक स्थानों पर आयोजित ‘योग संगम’ के साथ समन्वय में हुआ, जिसमें पूरे भारत में योग का सामंजस्यपूर्ण प्रदर्शन देखा गया।
इस वर्ष, MyGov और MyBharat जैसे प्लेटफार्मों पर ‘योग विद फैमिली’ और ‘योग अनप्लग्ड’ जैसी युवा-केंद्रित पहल के तहत विशेष प्रतियोगिताओं की शुरुआत की गई, जिससे जनता की भागीदारी को बढ़ावा मिला।
“एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” की इस वर्ष की थीम मानव और ग्रह के स्वास्थ्य के बीच के गहरे संबंध पर प्रकाश डालती है। यह भारत के “सर्वे संतु निरामया” (सभी रोग मुक्त हों) के दर्शन पर आधारित है, जो सामूहिक कल्याण की वैश्विक दृष्टि को दर्शाता है।
वैश्विक योग आंदोलन का विकास
2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने के भारत के प्रस्ताव को अपनाने के बाद से, प्रधानमंत्री मोदी ने नई दिल्ली, चंडीगढ़, लखनऊ, मैसूर, न्यूयॉर्क (संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय) और श्रीनगर सहित विभिन्न स्थानों से समारोहों का नेतृत्व किया है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस तब से एक शक्तिशाली वैश्विक स्वास्थ्य आंदोलन के रूप में विकसित हुआ है।
फरीदाबाद में वित्त मंत्री भी हुईं शामिल
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह के हिस्से के रूप में, केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज दिल्ली-एनसीआर के फरीदाबाद स्थित अरुण जेटली राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन संस्थान (एजेएनआईएफएम) में 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (आईवाईडी) 2025 समारोह में भाग लिया।
एजेएनआईएफएम में उपस्थित प्रतिभागियों ने विशाखापत्तनम से प्रधानमंत्री के संबोधन को भी देखा, जिसके बाद मोरारजी देसाई योग संस्थान के योग साधकों के मार्गदर्शन में योग सत्र का आयोजन किया गया। फरीदाबाद स्थित एजेएनआईएफएम में 400 से अधिक प्रतिभागियों ने 45 मिनट से अधिक समय तक उत्साहपूर्वक योग का अभ्यास किया। इस कार्यक्रम में वित्त मंत्रालय और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित थे।