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प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य के किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार लगातार कार्यरत है: मंगल पांडेय

17 जिलों के किसानों के बीच करोड़ों की अनुदान राशि का ट्रैक्टर व अन्य कृषि यंत्र वितरित: मंगल पांडेय। अब खेती के लिए भाड़े पर भी उपलब्ध होंगे सभी आवश्यक कृषि यंत्र। इस साल 75 प्रकार के कृषि यंत्रों के लिए 186 करोड़ रूपये अनुदान देने का लक्ष्य। पीएम मोदी व सीएम uhrh’k के निर्देश पर किसानों को आधुनिक खेती से जोड़ने का लक्ष्य।
राज्य के विभिन्न जिलों में कृषि यंत्र बैंक स्थापना के लिए लाभार्थियों के बीच कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना हेतु कृषि यंत्रों का वितरण किया। इस दौरान सूबे के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर राज्य के किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार लगातार कार्यरत है। उसी क्रम में राज्य के किसानों को आधुनिक तरीके से खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कृषि विभाग अत्याधुनिक कृषि यंत्रों की खरीदारी के लिए अनुदान दे रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सहयोग से राज्य के किसान खुशहाल हो रहे हैं। किसानों की स्थिति में सुधार के लिए सरकार कृषि यंत्र, सिंचाई, बीज, खाद, बाजार व कृषि यंत्रों के साथ-साथ हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध की जा रही है।
पांडेय ने बताया कि वर्त्तमान वित्तीय वर्ष में अभी तक कुल कुल 1 हजार 617 कस्टम हायरिंग सेन्टर की स्थापना की जा चुकी है। इसी कड़ी में 17 जिलों के कुल 39 किसानों/समूहों के बीच 19 कस्टम हायरिंग सेन्टर, 03 फार्म मशीनरी बैंक एवं 17 स्पेशल कस्टम हायरिंग सेन्टर की स्थापना के लिए 3.04 करोड़ रूपये अनुदान पर ट्रैक्टर सहित अन्य कृषि यंत्रों का वितरण किया गया। किसानों के विकास के लिए कई महत्त्वपूर्ण योजनाएँ चलायी जा रही है, जिसका लाभ बिहार के किसानों को मिल रहा है। कृषि यांत्रिकरण राज्य योजना एवं सब मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मेकेनाईजेशन योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य के किसानों को 75 प्रकार के विभिन्न कृषि यंत्रों की खरीदारी तथा राज्य में कस्टम हायरिंग सेन्टर, फार्म मशीनरी बैंक एवं स्पेशल कस्टम हायरिंग सेन्टर की स्थापना पर कुल 186 करोड़ रूपये अनुदान देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सरकार द्वारा इसके लिए 40 से 80 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है।
पांडेय ने कहा कि बिहार में लगभग 97 प्रतिशत किसान सीमांत एवं लघु श्रेणी के हैं। इनको खेती की सुविधा प्रधान करने के लिए न्यूनतम भाड़े पर आवश्यकतानुसार कृषि यंत्र उपलब्ध कराने के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर की योजना चलायी जा रही है। वित्तीय वर्ष में अभी तक कुल 75.07 करोड़ रूपये अनुदान राशि के कृषि यंत्रों की आपूर्ति किसानों को की जा चुकी है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 267 कस्टम हायरिंग सेन्टर, 101 फार्म मशीनरी बैंक एवं 115 स्पेशल कस्टम हायरिंग सेन्टर स्थापित करने का लक्ष्य है।  इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सचिव, कृषि विभाग संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि किसी भी खेती को उन्नत बनाने के लिए आधुनिक तकनीक की आवश्यकता होती है।
इस अवसर पर कृषि विभाग के विशेष सचिव वीरेन्द्र प्रसाद यादव, कृषि निदेशक नितिन कुमार सिंह, उद्यान निदेशक अभिषेक कुमार, अपर सचिव शैलेन्द्र कुमार, कृषि मंत्री के आप्त सचिव अमिताभ सिंह, अपर निदेशक धनंजयपति त्रिपाठी, संयुक्त निदेशक (कृषि अभियंत्रण)-सह-राज्य नोडल पदाधिकारी, यांत्रिकरण आलोक कुमार सिंह सहित विभाग के अन्य पदाधिकारीगण मौजूद थे।
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