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प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमायल अहमद ने शिक्षा मंत्री से मिलकर सोपा ज्ञापन

निजी विद्यालयों के लिए सिंगल विंडो ई शिक्षा कोष पर शिक्षा मंत्री ने जताया सहमति_ प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमायल अहमद ने शिक्षा मंत्री से मिलकर सोपा ज्ञापन।

प्राइवेट स्कूलों के विभिन्न समस्याओं को लेकर आज पुनः प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमायल अहमद ने शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर उन्हें विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया। उन्होंने कहा के एक साथ कई प्रकार के पोर्टल खुल जाने से विद्यालय संचालकों को भारी समस्याओं का सामना करना पर रहा है और एक ही प्रकार की इनफार्मेशन बार-बार भरने से उनकी एकेडमिक व्यवस्था खराब हो रही है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मांग किया कि सभी प्रकार की इनफार्मेशन के लिए सिंगल विंडो की व्यवस्था की जाए इस पर शिक्षा मंत्री ने अपनी सहमति जताते हुए कहा uकी आगे से एकमात्र पोर्टल ई- शिक्षा कोष प्राइमरी शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्रा से बात करके लागू करवा दिया जाएगा। साथ ही अन्य मांगे संगठन के द्वारा रखी गई है जो निम्नलिखित है:- ई संबंधन पोर्टल पर स्कूल का डाटा अपलोड के बाद भी क्यू आर कोड निर्गत नहीं किया जा रहा है। यू डायस में सभी डाटा यदि पूर्व से अपलोड है तो बार-बार डाटा के लिए अलग पोर्टल बनाने के बजाय सिंगल विंडो सिस्टम लागू कर अपलोड किए गए डाटा की कापी की जा सकती है, जिससे श्रम, धन व समय का बचत हो सकता है। इस तरह बार-बार निजी स्कूलों को डाटा की समस्या में उलझाकर एक अव्यवस्था का माहौल उत्पन्न कर निजी विद्यालय का जो दोहन व शोषण किया जा रहा है उससे मुक्त किया जाए। इससे बच्चों के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। आरटीई की बकाया राशि का अद्यतन प्रतिपूर्ति की जाए। ई-शिक्षाकोष पर आधार कार्ड द्वारा बच्चों के प्रविष्टि से निजी स्कूलों को पूर्णत: मुक्त किया जाए। अधिकारी गण के द्वारा निजी विद्यालयों को तरह-तरह की धमकियां देने पर रोक लगाई जाए। शैक्षणिक गुणवत्ता व आर.टी.ई की प्रतिबद्धता के इतर निजी विद्यालयों को डाटा के फेर में उलझाए रखने पर रोक लगाई जाए। शिक्षा विभाग का कोई भी ऐप सही समय पर सही ढंग से काम नहीं करता है। ई संबंधन पोर्टल की समस्या को जल्द से जल्द दूर करने की कृपा की जाए ताकि ऑनलाइन आवेदन करना आसान हो। जो भी स्कूल सरकारी आदेश का पालन करते हैं उन्हें आसानी से QR code दिया जाए ताकि अधिक से अधिक गरीब बच्चे आरटीई का लाभ उठा सकें। पहले से मान्यता प्राप्त स्कूलों को ई संबंधन पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करने के बाद शीघ्र ही क्यू आर कोड देने का आदेश पारित किया जाए ताकि इन्फ्रास्ट्रक्चर के नाम पर अधिकारियों व कर्मचारियों के द्वारा निजी विद्यालयों का दोहन करने से रोका जा सके। पहले से मान्यता प्राप्त स्कूलों के लिए QR code के सम्बंध में पक्का मकान की शर्त तत्काल हटाई जाए और उन्हें पक्का मकान बनाने के लिए 5 साल का अवसर दिया जाए। क्योंकि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में चलने वाले स्कूल ट्यूशन फीस के नाम पर बहुत ही मामूली राशि लेते हैं। अतः उनकी आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय होती है। वे किसी तरह अपनी बेरोजगारी दूर कर रहे हैं। प्राथमिक शिक्षा निदेशक श्री मिथलेश मिश्रा ने NIC के माध्यम से VC में कहें थे कि जिन स्कूलों के पास क्यूं आर कोड है उन्हें रेनवल के लिए आवेदन नहीं करना है। यह सूचना मौखिक था इसलिए आग्रह करना है कि इस संबंध में प्रदेश कार्यालय से एक लिखित आदेश प्रकाशित हो जाय। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ग्रामीण क्षेत्रों में इस मौखिक आदेश को नहीं मानते हैं।

शिक्षा मंत्री ने आश्वासन देते हुए कहा कि निजी विद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में सरकार को सहयोग कर रही है सरकार जल्द ही निजी विद्यालयों की समस्याओं को दूर कर देगी।

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