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MSME भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है जिसके समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए ग्रामीण उद्यमियों को सशक्त बनाना प्राथमिकता : जीतन राम माँझी

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री जीतन राम मांझी और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने कौशल विकास और उद्यमिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, नई दिल्ली के ओखला में एनएसआईसी तकनीकी सेवा केंद्र (एनटीएससी) में नए कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

नई दिल्ली। केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री जीतन राम मांझी और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने कौशल विकास और उद्यमिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, नई दिल्ली के ओखला में एनएसआईसी तकनीकी सेवा केंद्र (एनटीएससी) में नए कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में सचिव (एमएसएमई)  एस.सी.एल. दास, संयुक्त सचिव (एसएमई) श्रीमती मर्सी एपाओ और एनएसआईसी के सीएमडी डॉ. एस.एस. आचार्य भी उपस्थित थे।

उद्घाटन समारोह की शुरुआत डॉ. एस.एस. आचार्य के स्वागत भाषण से हुई, जिन्होंने एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा देने में कौशल विकास की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने युवाओं और उभरते उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए विश्व स्तरीय प्रशिक्षण सुविधाएं प्रदान करने के लिए एनएसआईसी की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला।

इस कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण क्षण एनएसआईसी और मेसर्स ड्रोन डेस्टिनेशन के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करना था। इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य कौशल विकास कार्यक्रमों में उन्नत ड्रोन प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण को शामिल करना है, जिससे एमएसएमई को तेजी से विकसित हो रहे तकनीकी परिदृश्य में प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिल सके। एमएसएमई के लिए समर्थन को और मजबूत करते हुए, एनएसआईसी की ऋण सुविधा योजना के तहत तीन बैंकों के साथ समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए।

जीतन राम मांझी ने अपने संबोधन में कहा, “एमएसएमई क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और आज का कार्यक्रम एक कुशल और सशक्त भारत की दिशा में हमारी यात्रा में एक नया अध्याय शुरू करता है। एमएसएमई क्षेत्र का समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए ग्रामीण उद्यमियों को सशक्त बनाना भी प्राथमिकता होगी।”

सुश्री शोभा करंदलाजे ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “हमारा ध्यान एक मजबूत इकोसिस्‍टम बनाने पर है जो प्रतिभाओं का पोषण करे और नवाचार को बढ़ावा दे। ये प्रशिक्षण कार्यक्रम इस कल्‍पना को साकार करने की दिशा में एक कदम हैं।”

सचिव (एमएसएमई) ने अपने संबोधन में कहा कि प्रौद्योगिकी क्षेत्र में एमएसएमई प्रमुख उद्यम हैं जो भारत को दुनिया का ड्रोन-हब बनाने में योगदान देंगे और इस यात्रा में मंत्रालय द्वारा कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

कार्यक्रम स्थल पर एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई जिसमें एनएसआईसी से उत्तीर्ण प्रशिक्षु, जो अब उद्यमी हैं, उन्‍होंने आकर अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया। दोनों मंत्रियों ने अपने स्टॉल पर उद्यमियों से बातचीत की, उन्हें उनकी सफलता के लिए बधाई दी और उनका उत्साहवर्धन किया।

PIB

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