पटना, 5 अक्तूबर 2025।
अभिलाषा ज्योति फाउंडेशन के तत्वावधान में रविवार को बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के सभागार में वरिष्ठ नागरिकों को समर्पित एक सार्थक एवं उद्देश्यपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बुजुर्गों के सम्मान, उनकी समस्याओं, चुनौतियों और समाधान पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ बिहार विद्यापीठ के अध्यक्ष विजय प्रकाश (भा.प्र.से.), स्कूल ऑफ क्रिएटिविटी लर्निंग की निदेशिका श्रीमती मृदुला प्रकाश, तकनीकी सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्वर प्रसाद सिंह (आइ.ए.एस.), सामाजिक सुरक्षा निदेशालय की संयुक्त निदेशक श्रीमती गायत्री कुमारी, बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अरुण अग्रवाल तथा फाउंडेशन की अध्यक्षा श्रीमती ज्योति श्रीवास्तव द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया।
फाउंडेशन की सदस्य श्रीमती आशा अग्रवाल ने संस्था की गतिविधियों और आज के आयोजन की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। संस्था के सचिव एवं सेवानिवृत्त अपर सचिव (सामान्य प्रशासन विभाग) आनंद बिहारी प्रसाद ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि “बढ़ती उम्र के साथ बुजुर्गों को शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक एवं आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। समाज में बदलते दृष्टिकोण और नई-पुरानी पीढ़ी के बीच बढ़ती खाई इन चुनौतियों को और गहरा करती है।”
डा. राजेश चौधरी ने बुजुर्गों के स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा करते हुए स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की आवश्यकता बताई, वहीं ऐक्सिस बैंक के ए.वी.पी. बलिराज कुमार सिंह ने वरिष्ठजनों के लिए आर्थिक प्रबंधन के महत्व पर जोर दिया।
कार्यक्रम में डा. नवल किशोर शर्मा, श्रीमती नंदिता बनर्जी, डॉ0 विद्या वाचस्पति त्रिपाठी, श्रीमती कश्मीरा सिंह और मो. इम्तियाज को उनके सामाजिक योगदान और सक्रियता के लिए सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के तीसरे सत्र में नई और पुरानी पीढ़ी के बीच संवाद तथा क्विज़ प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें पीढ़ियों के बीच बढ़ती दूरी और आपसी समझ पर सार्थक चर्चा हुई। इसके पश्चात डा. अमित रंजन ने एकल नाटिका की उत्कृष्ट प्रस्तुति दी। आकांक्षा झा, अंजलि कुमारी, जसी शर्मा, मिताली सिंह, प्राची कुमारी और स्नेहा कुमारी ने भी प्रभावशाली एकल नाटिकाएँ प्रस्तुत कीं। नई पीढ़ी “उड़ान” का प्रतिनिधित्व कौस्तुभ नेहाल, नंद किशोर सक्षम और निशांत दांगी ने किया।
कार्यक्रम का चौथा सत्र “बुजुर्गों की मस्ती” शीर्षक से आयोजित हुआ, जिसमें वरिष्ठ प्रतिभागियों ने अपनी कविताएँ, गीत, ग़ज़ल और अनुभव साझा किए। उल्लेखनीय प्रस्तुति देने वालों में मधुरेश नारायण, मीना परिहार, कंचन बाला, मीरा श्रीवास्तव, रिचा वर्मा, उर्मिला वर्मा, डा. अनिल प्रसाद, ज्योत्सना प्रसाद, प्रेमलता सिंह, सुनीता रंजन और आशा रघुदेव शामिल रहीं।
कार्यक्रम का कुशल संचालन श्रीमती शिवानी गौड़ ने किया, जबकि संयोजन एवं समन्वय की जिम्मेदारी अर्पित राज ने निभाई। कार्यक्रम का समापन बुजुर्गों के सम्मान और समाज में उनके अनुभवों को नई पीढ़ी से जोड़ने की प्रतिबद्धता के साथ हुआ।