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IPS डॉ• कुमार आशीष के कलम से “आवाज दो” मुहिम पीड़ित माताओं,बहनों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी: 9031600191

“आवाज दो” मुहिम केवल हमारी पीड़ित माताओं, बहनों के लिए ही नहीं अपितु उन माताओं, बहनों के लिए भी है जिन्हें अपराधकर्मियों के बुने गए जंजाल मे फंसने से पूर्व जागरूकता या विधिक सहायता के माध्यम से समय रहते सुरक्षित किया जा सके। यह मुहिम सारण पुलिस एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार, सारण के द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से चलाया जा रहा है।

“आवाज दो” मुहिम केवल हमारी पीड़ित माताओं, बहनों के लिए ही नहीं अपितु उन माताओं, बहनों के लिए भी है जिन्हें अपराधकर्मियों के बुने गए जंजाल मे फंसने से पूर्व जागरूकता या विधिक सहायता के माध्यम से समय रहते सुरक्षित किया जा सके। यह मुहिम सारण पुलिस एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार, सारण के द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से चलाया जा रहा है। मई 2024 में सारण जिला मे पुलिस अधीक्षक का पदभार संभालने के बाद विवाह हेतु अपहरण के 99 घटनाओं ने मेरा ध्यानाकर्षण किया जिसके बाद इस प्रकार की घटनाओं के प्रति संवेदनशीलता के साथ बेहतर अनुसंधान कर अपहृत बालिकाओं युवतियों को बरामद करने का टास्क क्राईम मीटिंग में पुलिस पदाधिकारियों को दिया गया एवं लगातार इसकी मॉनिटरिंग की गई।

परिणामस्वरूप इस प्रकार की घटनाओं मे प्रत्येक माह गिरावट दर्ज की गई एवं अपहृताओं की बरामदगी प्रतिशत में काफी वृद्धि हुई । माह सितम्बर मे विवाह हेतु अपहरण के दर्ज 63 कांडो मे से अबतक 36 कांडो मे अपहृताओं को बरामद कर लिया गया है एवं आगे भी बरामदगी हेतु प्रयास की जा रही है। यह एक साधारण घटना नहीं है इसके पीछे राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर साजिश एवं षडयंत्र चल रहा है। Untraced गायब बच्चियों के साथ क्या हो रहा है इसपर हमलोग नहीं सोच रहे हैं। युवावस्था मे प्रवेश करने के साथ ही बच्चियों को वर्तमान युग के चका–चौंध वाली सोशल मीडिया आकर्षित कर लेती है एवं उन्हें सोशल मीडिया साईट्स जैसे कि इंस्टाग्राम, फेसबुक, यु-ट्युब आदि पर लोकप्रियता हासिल करने, फॉलोवर बढ़ाने एवं अभिनेत्री बनने की तीव्र इच्छा रहती है। जब इन साईट्स पर उनके द्वारा फोटो या वीडियो डाला जाता है तो उनके आशय के विपरीत अपराधियों द्वारा इस प्रकार की प्रोफाईल को खंगाल कर ए0आई0 (आर्टिफिशियल इंटीलीजेंस) और डीपफेक के माध्यम से पोस्ट किये गये उनके फोटो/वीडियो का अश्लील सामग्रियों मे उपयोग किया जाता है।

बनाई गई अश्लील सामग्रियों से उन बच्चियों को ब्लैकमेल कर आर्थिक  शारीरिक  मानसिक रूप से शोषण किया जाता है। ऐसी परिस्थिति मे पीड़ित बच्चियों द्वारा इस प्रकार की घटना को अपने तक सीमित रखने की कोशिश की जाती है क्योंकि उन्हें हिचक होती है कि अगर ये बात उनके माता-पिता, भाई-बहन या दोस्तो को पता चलेगी तो वे लोग क्या सोचेंगे, कहीं इससे उनकी बदनामी तो नहीं होगी या ईज्जत तो नहीं उछाली जायेगी, परिवार का क्या होगा, गांव-समाज मे मुँह दिखाने लायक नहीं रहेंगे आदि विचार आते रहते हैं। जिसके बाद लड़कियाँ विवश होकर अपना घर-परिवार छोड़ने पर मजबूर हो जाती है या फंदे से लटक कर आत्महत्या कर लेती है यह सोचकर की हम नहीं रहेंगे तो ये समस्या ही खत्म हो जायेगी। इसके साथ ही बच्चियों के जो युवा साथी हैं वे भी उन्हें शादी का झांसा या लोभ लालच और अच्छी आलीशान जिंदगी जीने का प्रलोभन देते हुये ब्रेनवाश कर अपने साथ लेकर चले जाते है और उनका शोषण करके छोड़ देते हैं या देह व्यापार के दलदल मे बेच देते है ।

राष्ट्रीय- अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मानव अंगों की तस्करी करने वाले गिरोह भी ऐसी युवा लड़कियों की तलाश मे रहते हैं, क्योंकि ये लड़कियाँ नशापान नहीं करती है और कम उम्र के होने के कारण इनके अंग प्रत्यारोपण हेतु काफी अनुकुल होते है। राष्ट्रीय / अंतर्राष्ट्रीय बाजार मे इस प्रकार के अंगो कि अत्यधिक मांग है जिसके कारण तस्करों द्वारा इसे महंगे कीमतों पर बेची जाती है। रोजगार की तलाश, बेहतर जीवन शैली, सोशल मीडिया साइट्स पर लोकप्रिय होकर पैसा कमाने एवं अभिनेत्री बनने तथा कुंठित जीवन से आजादी की चाह रखने वाली बच्चियाँ मानव अंगों की तस्करी करने वाले गिरोहों की प्राइम टारगेट रहती हैं, क्योंकि वे किसी से कुछ बोल नहीं पाती है एवं उनके पीछे कोई खड़ा नहीं रहता है और ऐसे समय में माता-पिता भी उनका साथ छोड़ दिये रहते है क्योंकि उनको जानकारी नहीं रहती। एक बार जब ये बच्चियाँ शिकार बन जाती है उसके बाद इनके लौटने के रास्ते लगभग बंद हो जाते हैं और पुलिस-प्रशासन भी 20-30 प्रतिशत बच्चियों को नहीं ढुँढ़ पाती है, जिसके कारण ये बच्चियाँ गुमनामी के अंधेरे मे झाडु-पोछा लगाने, भीक्षा मांगने अथवा कम कीमत पर कहीं भी काम करके अपना जीवन व्यतीत करते रहती हैं और वह जिंदगी उनके लिए नरक के समान हो जाती है।

इस पुरे तथ्य पर गौर करने पर ज्ञात हुआ कि शुरू के ही दिनों मे अगर हम उन्हें बतायें कि उनके लिए क्या सही है और क्या गलत तो इस दुष्चक्र मे फंसने से उन्हें बचाया जा सकता है क्योंकि मानव जीवन एक ही बार मिलता है इसलिए जल्दीबाजी मे किसी तरह का कोई ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए कि वे ऐसे दलदल मे फंस जायें जिससे बाहर निकलना मुश्किल हो जाए। प्रत्येक युवा को सर्वप्रथम अपने आप को इतना सशक्त बनाना चाहिए और पढ़-लिख कर अपने अंदर इतनी समझ पैदा कर लेनी चाहिए कि आपके द्वारा लिया गया कोई भी निर्णय व्यक्तिगत, परिवारिक एवं सामाजिक हित के विरूद्ध न हो।जिला पुलिस द्वारा “आवाज दो” मुहिम से जुड़कर अपने समस्याओं को रखने के लिए एक हेल्पलाईन नं० -9031600191 जारी किया गया है, जो 24×7 कार्यरत रहेगा। आपकी सुविधा के लिए हमारे स्तर से एक महिला पुलिस पदाधिकारी हेल्पलाईन नं० पर हमेशा उपलब्ध रहेंगी। जरूरत पड़ने पर बच्चियाँ निःसंकोच सम्पर्क कर किसी भी समय सामाधान प्राप्त कर सकती हैं। इस मुहिम के जरिये हमारी टीम द्वारा आपका नाम-पता गोपनीय रखते हुये यथाशीघ्र आपकी सहायता की जाएगी। इस हेल्पलाईन नं० के अतिरिक्त आप हमें “सारण पुलिस” के सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से भी जुड़कर हमतक अपनी समस्याओं को पहुँचा सकते है एवं सुझाव / सलाह भी प्राप्त कर सकते है जिससे हम समय रहते किसी भी अपराध को अंजाम देने से रोक सकें।आप सभी से अपील है कि अपने सहेली एवं आस-पास की बच्चियों को बताएँ कि आपकी जिंदगी अनमोल है इसलिए सोशल मीडिया की चमक-दमक देखकर कम उम्र में इसका उपयोग नहीं करें क्योंकि यह दो धारी तलवार है।

इसके जरिये भले ही आपकी लोकप्रियता मे वृद्धि हो या न हो लेकिन असामाजिक तत्वों एवं साईबर अपराधियों के द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट किये गये आपके फोटो / वीडियो एवं निजी जानकारियों को चुराकर उनका दुरूपयोग किये जाने से आपको मानसिक / शारीरिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित किये जाने की संभावनाएँ अधिक रहती हैं। जिला पुलिस इस मुहिम के माध्यम से इस प्रकार की सभी समस्याओं का समाधान करेगी। जैसे अगर किसी ने आपका अश्लील फोटो/वीडियो बना लिया है और उसे वायरल करने की धमकी देकर आपका शोषण कर रहा है तो वैसी परिस्थिति मे आप हमारे पास समय रहते आयेंगे तो आपकी पहचान गुप्त रखते हुये ऐसा करने वाले व्यक्ति का सोशल मीडिया प्रोफाईल ब्लॉक करा दिया जायेगा एवं उसकी गिरफ्तारी भी की जायेगी। हमारी तत्परता, सार्थक प्रयास से जिले मे इस प्रकार के सभी मामलों मे त्वरित कार्रवाई करते हुये पीड़ितों को न्याय दिलाया जाता है जिसके बदौलत सारण साईबर थाना ने वर्तमान मे पुरे राज्य मे प्रथम स्थान हासिल किया है। इस मुहिम का नाम “आवाज दो” इसलिए रखा गया कि अगर आपके साथ, आपके सहकर्मी के साथ या आपके गांव / मुहल्ले/ रिश्तेदारी / जान-पहचान के किसी भी बच्चियों के साथ अगर कुछ गलत होता है अथवा माताओं-बहनों को अपने पति से, सास से, ससुर से, ननद से, देवर से प्रताड़ना मिलती है तो चुप नही रहें बुलंदी के साथ आवाज उठायें एवं हम तक अपनी समस्याओं को पहुँचायें ताकि हमलोग जल्द-से-जल्द पीड़िता को उचित न्याय दिला सकें।

थानास्तर पर महिला हेल्प डेस्क प्रभारी की पदस्थापना प्रत्येक थाना मे की गई है उनके माध्यम से भी आप हमे आवाज दे सकती हैं। इस मुहिम के अंतर्गत हमारी टीम द्वारा जिले के प्रत्येक स्कुल, कॉलेज, प्रखंड एवं प्रमुख स्थानों पर जाकर माताओं-बहनों को जागरूक किया जाएगा एवं हेल्पलाईन नं० -9031600191 से अवगत कराया जाएगा। आप सभी से अनुरोध है कि अपने आस-पड़ोस, गली-मुहल्ले एवं सखी-सहेलियों को “आवाज दो’ मुहिम से अवगत करायें।।

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