पुल गिरने की लगातार घटनाएं संगठित भ्रष्टाचार की ओर करती हैं इशारा, उच्चस्तरीय जांच हो : माले। मुजफ्फरपुर में एक पत्रकार की हत्या निंदनीय, भाजपा-जदयू शासन में अपराधी बेलगाम
भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि विगत 6 दिनों में बिहार के अंदर तीन बड़े पुलों का गिरना एक बड़े संगठित भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रहा है। 18 जून को अररिया, 22 जून को सिवान और फिर पूर्वी चंपारण के घोड़ाहसन से ऐसी दुखद खबरें सामने आई हैं। इसके पहले मार्च महीने में भी सुपौल में पुल हादसा हुआ था, जिसमें कई मजदूर दब गए थे।
पुल गिरने की ये सिलसिलेवार घटनाएं महज संयोग नहीं, बल्कि विकास कार्यों में व्याप्त संगठित भ्रष्टाचार के कारण हो रहा है। नीतीश कुमार करप्शन पर जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं, लेकिन यह हर कोई जानता है कि भाजपा-जदयू शासन में भ्रष्टाचार पहले से कहीं अधिक संस्थाबद्ध और विकराल हुआ है। पुल निर्माण में घटिया सामानों का इस्तेमाल होता है। ठेकेदार से लेकर अधिकारियों और मंत्रियों की मिलीभगत होती है। निर्माण कार्य का एक बड़ा हिस्सा कमीशनखोरी में जा रहा है। इसलिए हमारी पार्टी मांग करती है कि पुल गिरने की उपर्युक्त घटनाओं की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए, तभी सारा मामला खुलकर सामने आएगा और उसमें व्याप्त कमीशनखोरी व भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हो सकता है।
माले राज्य सचिव ने आगे कहा कि आज बिहार में अपराध चरम पर है। चुनाव के बाद हत्या की घटनाओं में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इसी कड़ी में मुजफ्फरपुर में सत्ता संरक्षित अपराधियों ने एक पत्रकार की गला रेतकर हत्या कर दी। अपराध का तेजी से बढ़ता ग्राफ बेहद चिंताजनक है। इस पर तुरंत नियंत्रण स्थापित होना चाहिए।